सर्दियों और monsoon सीजन में बच्चों में निमोनिया एक आम लेकिन गंभीर समस्या बनकर सामने आता है। अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि यह सिर्फ खांसी और बुखार की समस्या है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सही खानपान और देखभाल इस दौरान बेहद महत्वपूर्ण है।
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के लक्षणों में तेज बुखार, लगातार खांसी, सांस लेने में कठिनाई, थकान और भूख न लगना शामिल हैं। अगर समय पर इलाज और देखभाल नहीं की गई, तो यह फेफड़ों और प्रतिरक्षा प्रणाली पर गंभीर असर डाल सकता है।
क्या खाएं – भोजन की सलाह
बच्चों के फिजिशियन डॉ. के अनुसार, निमोनिया प्रभावित बच्चों के लिए संतुलित और पोषक आहार बेहद जरूरी है।
प्रोटीन युक्त आहार: दूध, दही, पनीर, अंडा, मूंग दाल और चिकन। प्रोटीन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
विटामिन और मिनरल्स: ताजे फल जैसे संतरा, मौसंबी, पपीता और सब्जियां जैसे गाजर, पालक। ये शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
हाइड्रेशन: पानी, नारियल पानी और हल्का सूप बच्चों को हाइड्रेटेड रखता है और बलगम पतला करता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड: अलसी के बीज, अखरोट और मछली से बच्चों की फेफड़ों की सेहत बेहतर होती है।
क्या न खाएं – बचने वाली चीजें
फ्राइड और जंक फूड: पिज्जा, पेस्ट्री और पैकेज्ड स्नैक्स। ये भोजन प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं।
अत्यधिक शुगर और मीठा: कैंडी, कोल्ड ड्रिंक और शक्कर युक्त चीजें सूजन बढ़ा सकती हैं।
तेल-मसालेदार भोजन: भारी भोजन से पाचन खराब होता है और खांसी बढ़ सकती है।
जीवनशैली और देखभाल
बच्चे को पूरा आराम दें। उनकी नींद पर्याप्त होनी चाहिए।
घर में साफ-सफाई और हवादार वातावरण रखें।
यदि खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो, तो डॉक्टर से समय पर परामर्श लें।
टीकाकरण: बच्चों को प्यूमोनिया और अन्य संक्रमण से बचाने के लिए सभी वैक्सीनेशन समय पर करवाएं।
विशेषज्ञ की चेतावनी
डॉ. कहती हैं, “निमोनिया सिर्फ खांसी या जुकाम नहीं है। अगर बच्चे का वजन घट रहा है, भूख कम है या बुखार लगातार बना है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही खानपान और देखभाल से उपचार प्रभावी बनता है और रिकवरी तेज होती है।”
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