News India Live, Digital Desk: हमारा दिमाग शरीर का कंट्रोल रूम है। यह हमारे हर काम को कंट्रोल करता है - चलने-फिरने से लेकर सोचने और महसूस करने तक। दिमाग से निकलने वाली नसें, जिन्हें हम 'नर्व्स' कहते हैं, पूरे शरीर में बिजली के तारों की तरह फैली होती हैं और दिमाग का संदेश हर अंग तक पहुंचाती हैं। लेकिन सोचिए, अगर इन तारों में ही कोई गड़बड़ी आ जाए तो क्या होगा?जब दिमाग की नसें कमजोर होने लगती हैं, तो हमारा शरीर कुछ छोटे-छोटे संकेत देने लगता है। अक्सर हम थकान या कमजोरी समझकर इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं दिमाग की नसें कमजोर होने के उन 6 लक्षणों के बारे में, जिन पर आपको तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।दिमाग की कमजोरी के 6 मुख्य लक्षण1. हाथ-पैर में झनझनाहट या सुन्न होनाक्या आपको अक्सर अपने हाथ-पैरों में चींटियां चलने या सुन्नपन जैसा महसूस होता है? अगर यह कभी-कभी होता है तो सामान्य है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रहा है तो यह नसों की कमजोरी का पहला और सबसे आम लक्षण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नसें दिमाग से संदेश ठीक से शरीर के अंगों तक नहीं पहुंचा पाती हैं।2. लगातार बना रहने वाला सिरदर्दहम सभी को कभी न कभी सिरदर्द होता है। लेकिन अगर आपको ऐसा सिरदर्द हो रहा है जो दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं होता या बार-बार लौटकर आता है, और जिसके साथ चक्कर या उल्टी जैसा भी महसूस होता है, तो यह दिमागी नसों पर पड़ रहे दबाव का संकेत हो सकता है।3. कमजोर होती याददाश्तचीजें रखकर भूल जाना एक आम बात है, लेकिन अगर आप हाल ही में हुई बातें, लोगों के नाम या ज़रूरी तारीखें भूलने लगे हैं, तो यह दिमागी नसों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। जब नसें कमजोर होती हैं, तो दिमाग की जानकारी को स्टोर करने और याद रखने की क्षमता पर असर पड़ता है।4. मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होनाअगर आपको अचानक से अपने हाथों की पकड़ कमजोर लगने लगे, चलते हुए पैर लड़खड़ाने लगें या शरीर के किसी हिस्से में बेवजह की कमजोरी महसूस हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह भी एक संकेत है कि दिमाग से मांसपेशियों तक पहुंचने वाले सिग्नल में कोई रुकावट आ रही है।5. बोलने में लड़खड़ाहटक्या आपको बोलते-बोलते सही शब्द याद नहीं आते या आपकी जुबान लड़खड़ाने लगती है? अगर ऐसा हो रहा है तो यह भी एक गंभीर लक्षण हो सकता है। यह दिखाता है कि दिमाग के वो हिस्से जो भाषा और बोलने को कंट्रोल करते हैं, ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।6. दौरे पड़ना (Seizures)यह नसों की कमजोरी का सबसे गंभीर लक्षण है। दौरे का मतलब है दिमाग में अचानक से असामान्य इलेक्ट्रिकल गतिविधि का होना, जिससे शरीर में झटके लगते हैं और व्यक्ति बेहोश हो सकता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो घबराएं नहीं। लेकिन इन्हें हल्के में लेने की गलती भी न करें। यह ज़रूरी है कि आप जल्द से जल्द किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट (दिमाग और नसों के डॉक्टर) से मिलें और अपनी जांच कराएं। सही समय पर सही इलाज से इन समस्याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।