ल्ली में आयोजित होने वाले इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2025 में इस बार बरेली की पारंपरिक जरी–जरदोजी कढ़ाई विशेष आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है। लंबे समय से घरेलू बाजार तक सीमित माने जाने वाले इस शिल्प को हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय पहचान मिली है। यूरोप, खाड़ी देशों, एशिया और अन्य क्षेत्रों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे जरी–जरदोजी उद्योग से जुड़े कारीगरों और उद्यमियों के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
बरेली के उद्योग प्रतिनिधियों के अनुसार, स्थानीय कारीगरों की बारीकी और हाथ की कुशलता विदेशी खरीदारों को विशेष रूप से आकर्षित कर रही है। परिधानों, बैग, क्लच, दुपट्टों और लेदर उत्पादों पर की जाने वाली जरी–जरदोजी कढ़ाई को अंतरराष्ट्रीय फैशन बाजारों में एक विशिष्ट स्थान मिल रहा है। इसी बढ़ते प्रभाव का परिणाम है कि बरेली से अब 40 से अधिक देशों को विभिन्न प्रकार के जरी–जरदोजी उत्पाद निर्यात किए जा रहे हैं।
आगामी ट्रेड फेयर में बरेली के कई उद्यमी, जैसे नवाब जरी आर्ट, रश्मि जरी आर्ट, कमल ट्रेडर्स, शिखा एंटरप्राइजेज, कादरी एंड संस, एमए इंटरनेशनल और अन्य, अपने नवीनतम संग्रह और डिज़ाइन प्रस्तुत करेंगे। इन उत्पादों को वैश्विक खरीददारों की पसंद को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उद्यमियों का मानना है कि मेले के दौरान विदेशी बाजारों में नए करार होने की संभावनाएँ काफी अधिक हैं, जिससे भविष्य में निर्यात में और वृद्धि हो सकती है।
क्षेत्र के औद्योगिक अधिकारियों के अनुसार, निर्यात आंकड़ों में हालिया बढ़ोतरी यह संकेत देती है कि पारंपरिक शिल्प अब सिर्फ सांस्कृतिक विरासत तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहा है। कारीगरों के प्रशिक्षण, डिज़ाइन सुधार और उत्पाद विविधीकरण पर ध्यान देने से इस उद्योग को स्थायी मजबूती मिल रही है।
ट्रेड फेयर 2025 बरेली की जरी–जरदोजी कढ़ाई के लिए वैश्विक खरीदारों से सीधे संवाद का एक बड़ा अवसर होगा, जहाँ भारतीय हस्तशिल्प की इस पारंपरिक कला को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में और व्यापक पहचान मिलने की उम्मीद है।