News India Live, Digital Desk: झारखंड में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के खिलाफ झारखंड एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने बड़ी कार्रवाई की है। एटीएस ने संगठन से जुड़े पांच गिरफ्तार आतंकियों के खिलाफ रांची की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है।[इस चार्जशीट में इन आतंकियों पर देश के खिलाफ साजिश रचने, युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें संगठन में शामिल करने और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।कौन हैं ये 5 आतंकी और क्या थे इनके मंसूबे?एटीएस ने जिन पांच आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, वे सभी न्यायिक हिरासत में हैं। इनमें एक महिला भी शामिल है। एटीएस ने कुछ समय पहले खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए धनबाद के वासेपुर और अन्य इलाकों से इन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।गिरफ्तार लोगों में इंडियन मुजाहिदीन का एक पूर्व आतंकी अमार यासार भी शामिल है, जो जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो गया थाएटीएस की जांच में यह बात सामने आई है कि ये आतंकी झारखंड में HuT का एक मजबूत मॉड्यूल खड़ा करने की फिराक में थे। इनके मुख्य काम थे:युवाओं का ब्रेनवॉश: ये लोग भोले-भाले और बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते थे। उन्हें धर्म के नाम पर भड़काकर और जिहाद का रास्ता अपनाने के लिए उकसाते थे।हथियारों का जखीरा: इनके पास से पिस्टल और गोलियां समेत कई अवैध हथियार बरामद हुए हैं।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये किसी प्रभावशाली व्यक्ति की हत्या की साजिश रच रहे थे, ताकि राज्य और देश का माहौल बिगाड़ा जा सके।विदेशी कनेक्शन: हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विदेश से चलाया जाता है।एटीएस इस बात की भी जांच कर रही है कि इन आतंकियों के तार विदेशी हैंडलर्स से कैसे जुड़े थे और इन्हें फंडिंग कहाँ से हो रही थी। ये लोग आपस में संपर्क के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल करते थे।कैसे हुआ इस नेटवर्क का खुलासा?एटीएस को काफी समय से झारखंड में इस आतंकी मॉड्यूल के सक्रिय होने की खुफिया जानकारी मिल रही थी। इसी जानकारी के आधार पर एक टीम बनाई गई और पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। गिरफ्तार आतंकियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप से कई डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर चार्जशीट तैयार की गई है।एटीएस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।यह कार्रवाई झारखंड एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता है। इसने समय रहते एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया और प्रदेश को अशांत होने से बचा लिया।