महिलाओं के पायलˈ पहनने के पीछे भी छुपा है गहरा राज़ जिसे हर कोई नहीं जनता﹒
Himachali Khabar Hindi November 15, 2025 08:43 PM

पैरों में पहनी जानी वाली पायल 16 श्रृंगार में से एक ये भी माना गया हैं, पायल पैरों की खूबसूरती तो बढ़ाती ही हैं साथ ही साथ ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी हैं !   वास्तुशास्त्र के मुताबिक भी पायल पहनाना शुभ माना गया हैं , कहा जाता हैं की पायल के स्वर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो  जाती हैं ! पुराने  समय से  ही पायल को महिलाओं के लिए विशेष माना गया हैं ! इसका अर्थ पुराने समय में ये  होता था की  पायल के संकेत  से पता चल जाता था की वो कही जा रही हैं !

पायल पैरों की खूबसूरती तो बढ़ाती ही हैं साथ ही साथ पायल पहनने से महिलाओं के  शरीर को भी लाभ मिलता हैं ! अगर महिलाएं सोने,चाँदी की चीजें पहनती हैं जिससे चलने या हिलने के कारण शरीर से रगड़ती हैं ! तो शरीर की हड्डियाँ काफी मजबूत हो जाती हैं ! परन्तु पायल हमेशा चाँदी की ही पहने ये अधिक शुभ मानी  जाती हैं और साथ ही साथ वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने को पैरों में कभी भी नही पहनना चाहिए ! सोना हमेशा हाथों या गले में ही पहने ये शुभ माना जाता हैं !

चांदी ठंडी धातु होती है, आयुर्वेद के मुताबिक इंसान का सिर ठंडा और पैर गर्म होना चाहिए !इसलिए शरीर के ऊपरी हिस्से में सोना और पैरों में चांदी पहनी जाती है ! इससे सिर से उत्पन्न गर्म ऊर्जा पैरों में और पैरों से पैदा हुई ठंडी ऊर्जा सिर में चली जाती है जिससे पूरे शरीर का तापमान संतुलित रहता है !

हिंदू धर्म की मान्यताओं के  अनुसार पायल पहनना काफी शुभ माना जाता हैं , जबकि वास्तुशास्त्र के अनुसार पायल की आवाज से घर की नकारात्मक शक्तियां कम हो जाती है और दैवीय शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं, इसलिए घर की नकारात्मकता को दूर भगाने के लिए भी पायल पहनना जरूरी होता है !

महिलाओं के पैरों में पायल पहनने की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, कहा जाता है कि पायल की आवाज से घर के पुरुषों को पहले ही पता चल जाता था कि घर की कोई महिला उनकी तरफ आ रही है और वो उनके आने से पहले सतर्क हो जाते थे !

महिलाओं के पायल की आवाज पुरुषों को किसी भी असहज होने वाली स्थिति से बचा लेती थी!

पुराने समय में स्त्रियों को पति के घर में कहीं आने-जाने के लिए पूरी स्वतंत्रता नहीं रहती थी !साथ ही, वह किसी से खुलकर बात भी नहीं कर पाती थी ! ऐसे में जब वह घर में कही आती-जाती तो बिना उसके बताए भी पायल की आवाज से सभी सदस्य समझ जाते थे कि उनकी बहु वहां आ रही है या कहीं जा रही है!

आधुनिक युग में भी महिलाएं और कुवारी लड़कियाँ पायल पहनती हैं !आज भी ये परम्परा निभाई जा रही हैं ! कई लडकियाँ फ़ैशन के तौर से एक पैर में भी पायल पहनती हैं !

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