– तकनीक, जनसहभागिता और सकारात्मक पुलिसिंग का उत्कृष्ट संगम
भोपाल, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के इंदौर शहर में पुलिस द्वारा रेलवे यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा, विश्वास और जागरूकता को नई दिशा देने हेतु तैयार किए गए दो महत्त्वपूर्ण अभियानों— “हमारी सवारी भरोसे वाली” एवं “पटरी की पाठशाला” का रानी लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन, इंदौर में भव्य शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम का लोकार्पण विशेष पुलिस महानिदेशक (रेलवे) रवि कुमार गुप्ता द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व डीन, आईएमएस, डीएवीवी एवं विख्यात मोटिवेशनल स्पीकर प्रभुनारायण मिश्रा, विशिष्ट अतिथि उप पुलिस महानिरीक्षक (पीएसओ टू डीजीपी मप्र) विनीत कपूर तथा उप पुलिस महानिरीक्षक (रेलवे) पंकज श्रीवास्तव उपस्थित रहे.
“हमारी सवारी भरोसे वाली” — तकनीक आधारित सुरक्षित यात्रा का नया मानकइस अभियान के तहत स्टेशन परिसर में संचालित सभी ऑटो चालकों का सत्यापन कर उनका पूरा विवरण ऑनलाइन डेटाबेस से जोड़ा जा रहा है. प्रत्येक सत्यापित ऑटो पर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करते ही यात्री ड्राइवर की पहचान, वाहन विवरण और सत्यापन स्थिति देख सकेंगे. शिकायत, संदिग्ध गतिविधि अथवा सामान छूटने जैसी स्थिति में भी त्वरित पहचान संभव होगी, जिससे यात्रियों में सुरक्षा और भरोसा दोनों बढ़ेगा.
“पटरी की पाठशाला” — बच्चों, महिलाओं और समुदाय में सुरक्षा जागरूकता का प्रभावी प्रयासयह अभियान रेलवे यात्रियों और आसपास के नागरिकों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ समाज में नैतिकता और जिम्मेदारी की भावना को सशक्त बनाने की दिशा में केंद्रित है. इसका प्रमुख उद्देश्य रेलवे यात्रियों को सुरक्षा संबंधी जानकारी प्रदान करना, बच्चों में अनुशासन और नैतिक मूल्यों का समावेश करना, महिला सुरक्षा एवं साइबर अपराध से बचाव की जानकारी देना, नशामुक्त समाज की स्थापना की प्रेरणा देना तथा नागरिकों को पुलिस के सहभागी के रूप में जोड़ना है.
जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने sunday को बताया कि इन अभियानों में घर–घर पहुंचकर सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जा रही है, जबकि बच्चों के लिए विशेष कक्षाओं में कहानी, पोस्टर और गतिविधियों के माध्यम से गुड टच–बैड टच, चलती ट्रेन में चढ़ने–उतरने से बचाव और ट्रैक पार करने के जोखिमों पर मार्गदर्शन दिया जाएगा. स्टेशन क्षेत्र में जोखिमपूर्ण गतिविधियों में लगे बच्चों की पहचान कर उनके पुनर्वास और शिक्षा के प्रयास किए जा रहे हैं. महिला सुरक्षा और साइबर अपराध बचाव के लिए संवादात्मक सत्र आयोजित होंगे, जिनमें आत्मरक्षा, सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार तथा महत्त्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर—112 (आपातकालीन सेवा), 1091 (महिला हेल्पलाइन), 1098 (चाइल्डलाइन), 139 (रेलवे हेल्पलाइन), 1930 (साइबर अपराध रिपोर्टिंग)—की जानकारी प्रदान की जाएगी.
उन्होंने बताया कि अभियान के संदेश को अधिक व्यापक स्तर पर पहुंचाने के लिए नुक्कड़ नाटक, रैली, पोस्टर एवं फ्लेक्स आदि प्रचार माध्यमों का प्रयोग किया जाएगा. इस अभियान के आयोजन से आमजन में सुरक्षा, जागरूकता एवं जिम्मेदारी की भावना का विकास होगा तथा पुलिस और नागरिकों के बीच सहयोग की नई मिसाल स्थापित होगी.
संपूर्ण आयोजन इंदौर रेल Superintendent of Police पद्म विलोचन शुक्ला के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीआरपी इंदौर का उद्देश्य तकनीक, जनभागीदारी और सकारत्मक पुलिसिंग के माध्यम से रेल यात्रियों की सुरक्षा को नए मानकों पर स्थापित करना है. ‘हमारी सवारी भरोसे वाली’ और ‘पटरी की पाठशाला’ आने वाले समय में रेलवे क्षेत्र में सुरक्षा और जागरूकता के मॉडल अभियानों के रूप में उभरेंगे.
कार्यक्रम में उपस्थित जनों ने इन अभियानों को “यात्री सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम”, “समय की आवश्यकता” और “पुलिस–जनसहयोग का उदाहरणीय मॉडल” बताते हुए इसकी सराहना की. कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत्त मुख्य लिपिक राधेश्याम परमार एवं उनि (अ) पूनम शर्मा ने किया.
(Udaipur Kiran) तोमर