इंतजार की घड़ियां लगभग खत्म हो ही गई हैं और अब आईपीएल 2026 ऑक्शन का काउंट डाउन शुरू हो चुका है. अबू धाबी में होने वाली खिलाड़ियों की नीलामी में अब 60 घंटे से भी कम समय बचा है. ऐसे में खिलाड़ियों के साथ ही फैंस की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं. इस बार मिनी ऑक्शन का आयोजन हो रहा है तो ये कार्यक्रम सिर्फ एक दिन में यानि 16 दिसंबर को ही पूरा हो जाएगा. दिन भले ही एक लगे लेकिन टेंशन और रोमांच कम नहीं होने वाला. खास तौर नजरें इस बात पर हैं कि क्या IPL नीलामी के इतिहास में पहली बार 30 करोड़ तक की बोली लगेगी? क्या ऋषभ पंत का रिकॉर्ड टूटेगा? अगर हां, तो कौन ऐसा कर सकता है?
कैमरन ग्रीन बन सकते हैं पहले 30 करोड़ीइस मामले में हर किसी की जुबान पर बस एक ही नाम है और वो है- कैमरन ग्रीन. ऑस्ट्रेलिया के इस युवा सुपरस्टार ऑलराउंडर ने पिछले 2-3 साल में इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी खास छाप छोड़ी है. करीब 6 फुट 8 इंच लंबे कैमरन ग्रीन ने IPL के भी 2 सीजन में अपना जलवा दिखाया है. अब एक बार वो फिर से ऑक्शन में उतरने जा रहे हैं क्योंकि चोट के कारण वो पिछले सीजन में नहीं खेल पाए थे. ऐसे में इस बार ऑक्शन में वो सबसे ‘हॉट कैंडिडेट’ माने जा रहे हैं और उन पर सबसे ज्यादा पैसा बरसने की उम्मीद है.
मगर कितनी ऊंची बोली कैमरन ग्रीन पर लग सकती है? क्या वो ऋषभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं? आपकी यादें ताजा कर दें कि पिछले साल मेगा ऑक्शन में लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ रुपये में पंत को खरीदा था, जो एक रिकॉर्ड है. इस बार कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी फ्रेंचाइजी मोटे ऑक्शन पर्स के साथ उतर रही हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों के बीच कैमरन ग्रीन के लिए जोरदार बोली लग सकती है और अगर ये 27 करोड़ के पार भी चली गई तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.
फिर भी नहीं मिलेगी पूरी रकमअब कितनी बड़ी बोली ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर पर या किसी दूसरे खिलाड़ी पर लगती है, इसका पता तो 16 दिसंबर को ही चलेगा. मगर एक बात तो ऑक्शन से पहले ही साफ हो चुकी है कि चाहे जितनी भी ऊंची बोली ग्रीन या किसी दूसरे विदेशी खिलाड़ी पर लगे, उन्हें 18 करोड़ रुपये से ज्यादा सैलरी नहीं मिलेगी. जी हां, चाहे 20 करोड़, 25 करोड़ या 30 करोड़ की भी बोली लगे, मिलेंगे सिर्फ 18 करोड़. इसकी वजह है BCCI का एक खास नियम, जो उसने फ्रेंचाइजी की शिकायत के बाद विदेशी खिलाड़ियों के लिए बनाया था.
क्या कहता है IPL का नियम?पिछले सीजन के मेगा ऑक्शन से पहले BCCI ने नियम बनाया था कि विदेशी खिलाड़ियों को भारतीय खिलाड़ियों से ज्यादा पैसा नहीं मिल सकता. खास तौर पर मिनी ऑक्शन में वो भारतीय खिलाड़ियों से ज्यादा सैलरी नहीं बटोर सकते, फिर चाहे उन पर बोली कितनी भी बड़ी हो. ये नियम कुछ इस तरह से है- मिनी ऑक्शन में किसी विदेशी खिलाड़ी की ऑक्शन फीस, मेगा ऑक्शन के सबसे ऊंचे रिटेंशन स्लैब (इस मामले में 18 करोड़) या मेगा ऑक्शन की सबसे ऊंची बोली से ज्यादा नहीं हो सकती.
रिटेंशन स्लैब या सबसे ऊंची बोली में से जो भी कम होगा, वो ही विदेशी खिलाड़ियों की ऑक्शन फीस की सीमा होगी.पिछले मेगा ऑक्शन में रिटेंशन फीस की सबसे ऊंची श्रेणी 18 करोड़ रुपये थी. वहीं मेगा ऑक्शन में सबसे ऊंची बोली 27 करोड़ रुपये थी, जो पंत पर लगी थी. इस स्थिति में रिटेंशन फीस कम है. अगर मेगा ऑक्शन में सबसे ऊंची बोली 15 या 16 या 17 करोड़ होती तो विदेशी खिलाड़ियों को मिनी ऑक्शन में उससे ज्यादा पैसा नहीं मिल सकता.
किसे मिलेगा बचा हुआ पैसा?यानि कैमरन ग्रीन या लियम लिविंगस्टन या मतीषा पतिरणा या किसी भी विदेशी खिलाड़ी को IPL 2026 में 18 करोड़ से ज्यादा सैलरी नहीं मिल सकती. हालांकि उन पर बोली इससे ज्यादा भी लग सकती है और खिलाड़ी के बिकने पर वो ही कीमत उस फ्रेंचाइजी के ऑक्शन पर्स से कटेगी. मगर नीलामी की बोली से 18 करोड़ सैलरी कटने के बाद जो भी बकाया राशि होगी, वो BCCI के पास जमा होगी, जिसे भारतीय बोर्ड खिलाड़ियों के कल्याण के लिए इस्तेमाल करेगा.