'1 महीने में पैसा दो वरना...' 25 साल बाद भी लेक्चरर को बकाया न मिलने पर हाईकोर्ट का आदेश
aapkarajasthan December 17, 2025 07:45 PM

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक रिटायर्ड महिला लेक्चरर की 25 साल बाद भी बकाया सैलरी पर एक अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार और कॉलेज को सिविल कोर्ट द्वारा तय की गई बकाया रकम दो महीने के अंदर देने का आदेश दिया है, अगर एक महीने के अंदर पेमेंट नहीं किया गया तो रकम पर 12% सालाना ब्याज भी लगेगा।

सिविल कोर्ट ने पेमेंट का आदेश दिया
जस्टिस अनिल कुमार उपमन की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता शकुंतला पाटनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि 12 जून 2000 को ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता को ड्यूटी पर वापस आने और सभी फायदे लेने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के सीनियर वकील राजेंद्र सोनी और डॉ. नितिन सोनी ने कहा कि सिविल कोर्ट ने बाद में 9% ब्याज के साथ ₹15,57,937 देने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं किया गया है।

हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारा न्याय सिस्टम समय पर और जल्दी न्याय देने में नाकाम रहता है। अक्सर कहा जाता है कि देर से मिला न्याय, न्याय न मिलने के बराबर है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि पिटीशनर को 30 जून, 2026 तक मिलने वाले सभी रिटायरमेंट बेनिफिट्स का कैलकुलेशन करके एक महीने के अंदर पेमेंट किया जाए।

कॉलेज और राज्य सरकार को निर्देश
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और इंदिरा गांधी बालिका निकेतन कॉलेज, चिड़ावा को सख्त निर्देश दिया कि वे अगले एक महीने के अंदर पिटीशनर को सिविल कोर्ट द्वारा तय की गई रकम का पेमेंट करें। अगर महिला लेक्चरर का बकाया एक महीने के अंदर नहीं दिया जाता है, तो रकम पर 12% सालाना की दर से ब्याज लगेगा।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.