उत्तर प्रदेश में खाद कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई, अफसर और दुकानदार जवाबदेह
Indiatimes December 20, 2025 08:42 AM

उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी के खिलाफ सरकार ने नई कार्रवाई के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार का कहना है कि उर्वरक कालाबाजारी केवल आपूर्ति या प्रशासनिक लापरवाही का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह किसानों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा से सीधे जुड़ा मामला है। इस कारण अब शिकायतों पर त्वरित एफआईआर दर्ज की जाएगी और मौके पर प्रशासनिक कार्रवाई का प्रावधान लागू किया गया है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति या संस्था किसानों को खाद की उपलब्धता में बाधा डालती है या मूल्य बढ़ाकर मुनाफाखोरी करती है, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शिकायत मिलने पर केवल नोटिस या चेतावनी नहीं देंगे, बल्कि मौके पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

प्रदेश में खाद आपूर्ति व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सरप्राइज निरीक्षण की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है। अब केवल दुकानदार ही नहीं, बल्कि निगरानी में लापरवाही करने वाले अधिकारी भी जवाबदेह होंगे। निरीक्षण के दौरान स्टॉक, बिक्री रजिस्टर और वितरण प्रक्रिया की जांच की जाएगी। यदि किसी स्तर पर मिलीभगत या अनियमितता सामने आती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में डेली स्टॉक रिपोर्टिंग सिस्टम लागू किया है। इसके तहत हर खाद दुकान और गोदाम को रोजाना अपने स्टॉक, बिक्री और शेष मात्रा की जानकारी ऑनलाइन अपडेट करनी होगी। इससे कमी या अनियमितता का तुरंत पता चल सकेगा और आपूर्ति प्रणाली में सुधार होगा।

पिछले दो वर्षों में प्रदेश भर में 5,000 से अधिक खाद दुकानों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान अनियमितता पाए जाने पर सैकड़ों लाइसेंस निलंबित या रद्द किए गए, और कई मामलों में जुर्माने भी लगाए गए। रबी सीजन 2025-26 के लिए प्रदेश में यूरिया, डीएपी और एनपीके की कुल उपलब्धता 130 लाख मीट्रिक टन से अधिक है, जिससे खाद की कोई कमी नहीं है।

सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या ओवररेटिंग की शिकायत तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं। अधिकारियों का कहना है कि समय पर कार्रवाई के माध्यम से किसानों की समस्या का समाधान किया जाएगा।

यह कदम प्रशासन द्वारा खाद की आपूर्ति व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.