जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश को उदार फंडिंग करने के लिए एक बार फिर से सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि उनकी तारीफ किसी को खुश करने के लिए नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री ने जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने का जिक्र किया. उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की मेहरबानी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने तक नहीं पहुंची है.
सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो राजनीति करते हैं और लोगों को धोखा देते हैं. मैं मानता हूं कि केंद्र सरकार जहां अच्छा काम कर रही है वो तो ठीक है लेकिन मैं कमियों को भी बताता हूं.
‘हमें शिकायतों के अलावा कुछ नहीं दिया’सीएम अब्दुल्ला ने बताया कि राज्य का दर्जा बहाल करने के अलावा उन्हें केंद्र सरकार से कोई शिकायत नहीं है.
उन्होंने कहा कि जहां तक दूसरे मुद्दों की बात है, केंद्र सरकार ने शिकायत का कोई मौका नहीं छोड़ा है. लेकिन राज्य के दर्जे के मामले में केंद्र ने हमें शिकायतों के अलावा कुछ नहीं दिया है.
मुख्यमंत्री ने हाल ही में दिल्ली में उदार फंडिंग को लेकर केंद्र सरकार की तारीफ की थी. जम्मू कश्मीर वापस लौटने पर विपक्ष ने उन पर दिल्ली में BJP की तारीफ करने और कश्मीर में उसकी आलोचना करने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे उन्हें ऐसा कोई उदाहरण बताएं जब उन्होंने दिल्ली में कुछ और कहा हो और श्रीनगर में कुछ और.
हिजाब विवाद में बीजेपी पर तंजवहीं हिजाब विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं से ऐसे ही व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है. मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि अगर स्थिति उल्टी होती और किसी मुस्लिम नेता ने हिंदू महिला का घूंघट हटाया होता, तो बीजेपी हंगामा खड़ा कर देती. बीजेपी से हम यही उम्मीद कर सकते हैं.
अगर राजस्थान या हरियाणा की कोई हिंदू महिला घूंघट पहने होती और मैंने उसे हटाया होता, तो क्या बीजेपी यही बात कहती? सोचिए, अगर किसी मुस्लिम नेता ने हिंदू महिला का घूंघट हटाया होता तो कितना हंगामा होता. लेकिन अब, क्योंकि वह एक मुस्लिम महिला डॉक्टर थी, इसलिए बीजेपी की प्रतिक्रिया अलग है. हम उनसे और क्या उम्मीद कर सकते हैं?