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ब्लड प्रेशर हर किसी के लिए एक बहुत आम बीमारी बन गई है। बदलते लाइफस्टाइल की वजह से कई लोगों को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। क्योंकि इन बीमारियों में, जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो कोई खास लक्षण नहीं दिखते। लेकिन, यह धीरे-धीरे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो यह आपके दिल, दिमाग, किडनी और आंखों पर दबाव डालता है। इस तरह आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को पहचान सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर का सबसे ज़्यादा असर दिल पर पड़ता है। दिल को खून पंप करने के लिए सामान्य से ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं और उनकी क्षमता कम हो जाती है। इससे दिल की बीमारी, हार्ट फेलियर या दिल की धड़कन का अनियमित होना हो सकता है। अगर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल न किया जाए, तो हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर दिमाग की सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक है। लगातार बढ़ता प्रेशर दिमाग में खून की नसों को कमजोर कर देता है, जिससे उनके फटने या उनमें खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। इससे स्ट्रोक का खतरा पैदा होता है। साथ ही, अगर दिमाग तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है, तो याददाश्त कम होना, ध्यान लगाने में दिक्कत और आगे चलकर डिमेंशिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
किडनी शरीर से वेस्ट को फिल्टर करने में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन, हाई ब्लड प्रेशर किडनी में मौजूद छोटी ब्लड वेसल को नुकसान पहुंचाता है। इस वजह से, किडनी का काम कम हो जाता है और लंबे समय में, क्रोनिक किडनी डिजीज या किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर आंखों की सेहत पर भी असर डालता है। आंखों की नाजुक ब्लड वेसल को नुकसान पहुंचने से धुंधला दिखना, आंखों पर दबाव पड़ना या कभी-कभी हमेशा के लिए आंखों की रोशनी जाना हो सकता है।
कुल मिलाकर, हाई ब्लड प्रेशर सिर्फ नंबरों की समस्या नहीं है, बल्कि एक गंभीर बीमारी है जो पूरे शरीर पर असर डालती है। रेगुलर ब्लड प्रेशर चेकअप, बैलेंस्ड डाइट, स्ट्रेस कंट्रोल, रेगुलर एक्सरसाइज और डॉक्टर की सलाह पर इलाज से इस बीमारी के गंभीर साइड इफेक्ट्स को रोका जा सकता है।