यूके में रह रहे उत्कर्ष अमिताभ माइक्रो1 (micro1) नामक डेटा-लेबलिंग और AI ट्रेनिंग स्टार्टअप के साथ फ्रीलांस भूमिका में काम करते हुए प्रति घंटे करीब 18,000 रुपए कमाते हैं। यह असाइनमेंट जनवरी 2025 में शुरू हुआ था और एक साल से भी कम समय में, बोनस समेत उनकी कुल कमाई लगभग 2.6 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। दिल्ली के रहते अमिताभ का कहना है इस काम को करने की मुख्य कारण पैसा कमाना कभी नहीं रहा।
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CNBC Make It से बातचीत करते हुए उत्कर्ष अमिताभ ने कहा कि जब यह मौका सामने आया, तब वे किसी नई नौकरी की तलाश में नहीं थे। उन्हें आकर्षित करने वाली चीज काम की प्रकृति थी। एंटरप्राइज-ग्रेड AI सिस्टम्स को ट्रेन करना उनके लंबे समय से चले आ रहे शोध-हितों-तकनीक, मानव उपलब्धि और AI-आधारित दुनिया में निर्णय लेने की प्रक्रिया-से पूरी तरह मेल खाता था।ALSO READ: Gold : क्या 2026 में सस्ता होगा सोना, चांदी ने भी चौंकाया, क्यों बन रहे हैं निवेशकों की पसंद
इसके बाद उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में 6 साल तक काम किया, जहां वे क्लाउड और AI पार्टनरशिप्स से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने इस विषय पर शोध भी प्रकाशित किया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस तरह सफलता और मानव क्षमता की अवधारणाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। वर्तमान में वे ग्लोबल मेंटरशिप प्लेटफॉर्म 'नेटवर्क कैपिटल' के संस्थापक और सीईओ हैं। Edited by : Sudhir Sharma