नई दिल्ली - भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अपना 115वां स्थापना दिवस कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली में बड़े उत्साह के साथ मनाया। इस समारोह की अध्यक्षता अंचल प्रमुख श्री शीशराम तुन्दवाल ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री निधि खरे, सचिव, उपभोक्ता कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और श्री उमेश कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सरसई उपस्थित रहे।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके बाद बैंक के संस्थापक को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 115 वर्षों की गौरवमयी यात्रा, राष्ट्र निर्माण में उसकी भूमिका और आम जनता, किसानों, एमएसएमई तथा वंचित वर्गों को सशक्त बनाने में बैंक के योगदान पर चर्चा की।
अंचल प्रमुख श्री शीशराम तुन्दवाल ने अपने संबोधन में कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया विश्वास, पारदर्शिता और सेवा के मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कर्मचारियों के समर्पण और टीम भावना की सराहना की और बताया कि बैंक डिजिटल बैंकिंग, साइबर सुरक्षा, वित्तीय समावेशन और ग्राहक संतोष को प्राथमिकता देते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार है।
मुख्य अतिथि सुश्री निधि खरे ने बैंक के नवाचार, उपभोक्ता हितैषी पहलों, वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता अभियानों में बैंक की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
विशिष्ट अतिथि श्री उमेश कुमार सिंह ने अपनी बैंकिंग यात्रा को साझा करते हुए सभी से बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने की अपील की।
इस अवसर पर बैंक के सम्माननीय ग्राहकों और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। समारोह में लगभग 700 कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में स्टाफ सदस्यों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं, जिसमें बच्चों ने फैंसी ड्रेस और नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने कार्यक्रम को और भी आकर्षक बना दिया।
सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया और समारोह का समापन बैंक के उज्ज्वल भविष्य और राष्ट्र सेवा के संकल्प के साथ हुआ। धन्यवाद ज्ञापन श्री पी सी खुराना, उप महाप्रबंधक ने दिया।