हिंसा और भ्रष्टाचार बंगाल की बड़ी चुनौती : राज्यपाल सी वी आनंद बोस
Udaipur Kiran Hindi December 25, 2025 12:46 AM

जेयू के दिक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल

कोलकाता, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) . West Bengal के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने बुधवार को कहा कि राज्य आज दो गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, हिंसा और भ्रष्टाचार. उन्होंने जोर देकर कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों को इन बुराइयों से मुक्त करना जरूरी है, ताकि छात्रों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित किया जा सके.

जादवपुर विश्वविद्यालय के 68वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि जादवपुर विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता और मेधावी छात्रों के लिए पूरे देश का गौरव है, लेकिन इसके परिसरों को अवांछित तत्वों से मुक्त रखना समय की मांग है. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक परिसरों में किसी भी तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

परिसर में इस वर्ष और 2023 में दो स्नातक छात्रों की अस्वाभाविक मौतों के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए परिसर में बाहरी लोगों के रहने पर पूरी तरह रोक लगाई जानी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के लिए उन्होंने पहले इसरो की तकनीकी मदद लेने का सुझाव भी दिया था.

परिसर में स्थायी पुलिस चौकी स्थापित करने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के फैसले राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विषय पर अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है.

राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद को लेकर चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि अपने पद की प्रकृति के अनुसार राज्यपाल ही विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं.

उन्होंने कहा कि President द्रौपदी मुर्मू ने अपने विवेक से यह निर्णय लिया कि इस व्यवस्था में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है. राज्यपाल ने कहा कि यह सिद्धांत पूरे देश में लागू है और President के फैसले ने स्थापित परंपरा की पुष्टि की है. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा से पारित विधेयक को President के पास भेजना उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी थी, लेकिन President ने उस पर सहमति नहीं दी.

राज्य के छह विश्वविद्यालयों में अब तक कुलपति नियुक्त न होने के मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच सुझाए गए नामों पर सहमति नहीं बन पाई है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिन नामों की सिफारिश की गई है, वे कुलपति बनने के योग्य नहीं हैं.

दीक्षांत समारोह स्थल के बाहर छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि छात्रों को अपनी मांगें रखने का पूरा अधिकार है. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सौंपे गए मांगपत्र का वे अध्ययन करेंगे और इन मुद्दों पर सरकार से बात करेंगे.

पिछले दो वर्षों में दीक्षांत समारोह में शामिल न होने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि उस समय विश्वविद्यालय में पूर्णकालिक कुलपति नहीं थे, इसलिए दीक्षांत समारोह की वैधानिकता पर सवाल था. उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय को एक नई दिशा मिल रही है.

दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल के आगमन और प्रस्थान के समय कोई बाधा नहीं आई, हालांकि करीब 100 छात्र कार्यकर्ताओं ने छात्र संघ चुनाव, आंतरिक शिकायत समिति में छात्र प्रतिनिधित्व और परिसर सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी की.

छात्र संगठन के एक पदाधिकारी ने बताया कि दीक्षांत समारोह के बाद राज्यपाल ने उनसे मुलाकात की और उनकी मांगों को सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया.

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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