श्रीगंगानगर में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर राजस्थान के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नई चीज़ या नई पहल सामने आती है, तो शुरुआत में उसका विरोध होना स्वाभाविक है। मंत्री गोदारा ने साफ किया कि एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ हो रहे विरोध की मुख्य वजह किसानों में फैली भ्रांतियां और गलतफहमियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आशंकाओं को गंभीरता से ले रही है और उनसे संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एथेनॉल फैक्ट्री से न तो किसानों की जमीन को नुकसान होगा और न ही पानी के स्रोतों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके उलट, यह परियोजना किसानों के लिए नए आर्थिक अवसर लेकर आएगी और क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
गोदारा ने कहा कि एथेनॉल नीति केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसका उद्देश्य न केवल वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देना है, बल्कि किसानों को उनकी फसलों का बेहतर मूल्य दिलाना भी है। एथेनॉल उत्पादन से गन्ना, मक्का और अन्य फसलों की मांग बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फैक्ट्री स्थापित करने से पहले सभी पर्यावरणीय मानकों और नियमों का पालन किया जाएगा। जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही किसी भी परियोजना को मंजूरी दी जाती है। मंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर किसानों और आमजन के हितों से समझौता नहीं करेगी।
श्रीगंगानगर में चल रहे विरोध को लेकर मंत्री गोदारा ने अपील की कि किसान अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकार द्वारा दी जा रही जानकारी पर भरोसा करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही संबंधित अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ किसानों की बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि हर सवाल का जवाब दिया जा सके और सभी शंकाओं का समाधान हो सके।