उत्तरी अमेरिकी पंजाबी संघ (एनएपीए) ने बांग्लादेश में एक और हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि ये घटनाएं चिंताजनक हैं और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को दर्शाती हैं।
बांग्लादेश में बुधवार को अमृत मंडल नामक एक हिंदू व्यक्ति की कथित जबरन वसूली के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना मयमनसिंह में ईशनिंदा के आरोपों पर एक अन्य हिंदू व्यक्ति, दीपू दास की पीट-पीटकर हत्या करने और उसके शव को आग लगाने के एक सप्ताह बाद हुई है।
एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने कहा कि हिंदुओं पर बार-बार होने वाले हमले बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, गरिमा और मानवाधिकारों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं।
चहल ने कहा, "दीपू चंद्र दास की हत्या के तुरंत बाद एक और हिंदू व्यक्ति की हत्या से भय और असहिष्णुता का बढ़ता माहौल स्पष्ट होता है।"
उन्होंने बांग्लादेश सरकार से त्वरित, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
एनएपीए ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ धमकी और हिंसा की खबरों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई के बिना केवल निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है।
दास की हत्या के बाद ढाका और बांग्लादेश के अन्य हिस्सों में कारखाने के श्रमिकों, छात्रों और मानवाधिकार समूहों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।
पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हुई कई घटनाओं के कारण वहां की हिंदू आबादी प्रभावित हुई है।