बीएमसी चुनाव 2026 में गरमाया हिजाब विवाद, वारिस पठान के बयान पर शिवसेना ने की तीखी प्रतिक्रिया
Samachar Nama Hindi December 26, 2025 09:45 PM

देश की फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई में, 2026 में होने वाले बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) चुनावों से पहले राजनीति गरमा गई है। मेयर की कुर्सी के लिए लड़ाई अब पहचान और धर्म के मुद्दों तक पहुंच गई है। AIMIM नेता वारिस पठान के हिजाब पर बयान के बाद, शिवसेना और AIMIM आमने-सामने हैं, और BMC चुनावों को लेकर माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है।

'हिजाब पहनने वाली महिला भी मेयर बन सकती है'
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता वारिस पठान ने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब हिजाब पहनने वाली महिला मुंबई की मेयर बनेगी। उन्होंने तर्क दिया कि जब संविधान समानता की बात करता है, तो पठान, खान, अंसारी, शेख या कुरैशी मेयर क्यों नहीं बन सकते? AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के इस बयान को एक राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।

शिवसेना UBT का पलटवार
बयान के तुरंत बाद, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने कड़ा विरोध किया। पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि मुंबई का मेयर एक मराठी हिंदू होगा। उन्होंने AIMIM पर BJP को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर हिंदू-मुस्लिम मुद्दा उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की राजनीति पाकिस्तान या बांग्लादेश में करनी चाहिए। 2011 की जनगणना के अनुसार, मुंबई में हिंदू आबादी लगभग 61 प्रतिशत और मुस्लिम आबादी लगभग 25 प्रतिशत है। अलग-अलग पार्टियां इन डेमोग्राफिक डेटा के आधार पर अपने दावे कर रही हैं।

मुसलमानों ने ऊंचे पद संभाले हैं
इस पूरे विवाद पर शिवसेना UBT सांसद संजय राउत ने कहा कि मुसलमानों ने देश में राष्ट्रपति और राज्यपाल जैसे ऊंचे पद संभाले हैं, इसलिए इस मुद्दे को बेवजह उठाना सही नहीं है। मेयर पद की लड़ाई ने तब धार्मिक रंग ले लिया जब राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के साथ हाथ मिलाने के बाद दावा किया कि मुंबई का मेयर एक मराठी होगा। तब से बयानों का सिलसिला तेज हो गया है। यह देखना बाकी है कि इस बहस का चुनाव नतीजों पर कितना असर पड़ेगा।

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