सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले BJP और RSS की संगठनात्मक ताकत की तारीफ करके पार्टी के लिए अजीब स्थिति पैदा कर दी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS की नीतियों के कट्टर विरोधी हैं। लेकिन तब तक पार्टी के अंदर का माहौल काफी असहज हो चुका था। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान जब राहुल गांधी दिग्विजय सिंह से मिले, तो उन्होंने मजाक में उनसे कहा, "आपने अपना काम कर दिया। आपने शरारत कर दी।"
दिग्विजय सिंह के मामले में रेवंत रेड्डी की एंट्री
इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने सीधे तौर पर दिग्विजय सिंह का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में टिप्पणी की। रेवंत रेड्डी ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 1991 में पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री और 2004 और 2009 में डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाकर बहुत अच्छे फैसले लिए थे। रेड्डी के इस बयान को दिग्विजय सिंह की पोस्ट का जवाब माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
वर्किंग कमेटी की मीटिंग के दौरान, सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी संगठन में विकेंद्रीकरण की वकालत की। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ सीनियर नेताओं ने दिग्विजय को टोका, और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी दखल देते हुए कहा कि अभी दूसरे नेताओं को भी बोलना है। वर्किंग कमेटी की मीटिंग शुरू होने से पहले, दिग्विजय सिंह ने 'X' (पहले ट्विटर) पर एक पुरानी तस्वीर शेयर की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे फर्श पर बैठे हैं, जबकि BJP के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी उनके पीछे कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने पोस्ट किया, "मुझे यह तस्वीर Quora वेबसाइट पर मिली। यह बहुत प्रभावशाली है। कैसे एक जमीनी स्तर का RSS स्वयंसेवक और जनसंघ/BJP कार्यकर्ता नेताओं के पैरों के पास फर्श पर बैठकर एक राज्य का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बन गया। यही संगठन की ताकत है। जय सिया राम।" इस पोस्ट से विवाद खड़ा हो गया।
दिग्विजय ने क्या सफाई दी?
इसके बाद, दिग्विजय सिंह ने सफाई दी। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैंने संगठन की तारीफ की है।" "मैं RSS और मोदी जी का कट्टर विरोधी था, मैं कट्टर विरोधी हूं, और मैं कट्टर विरोधी रहूंगा।" जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने वर्किंग कमेटी की मीटिंग में डिसेंट्रलाइजेशन की वकालत की थी, तो सिंह ने कहा, "मीटिंग के दौरान मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया।" उन्होंने यह भी कहा, "क्या संगठन को मज़बूत करना या उसकी तारीफ़ करना कोई बुरी बात है?"
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर आप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष के तौर पर मेरे कार्यकाल को देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि मैंने डिसेंट्रलाइज्ड तरीके से काम किया। यही मेरा नज़रिया है।" वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले और उसके दौरान दिग्विजय सिंह के रुख से कुछ कांग्रेस नेता असहज हो गए। मीटिंग के बाद, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो उन्होंने रिपोर्टर्स के सवालों के जवाब नहीं दिए।