News India Live, Digital Desk: जब भी देश या पड़ोस में कुछ गलत होता है, तो कुमार विश्वास जैसे संवेदनशील कलाकार की कलम और उनकी आवाज़ अक्सर वो सब कह देती है जो बाकी लोग सोचते रह जाते हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुँचे डॉक्टर कुमार विश्वास का दर्द उस समय साफ़ दिखाई दिया, जब उनसे बांग्लादेश में चल रहे उपद्रव और वहां के हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के बारे में पूछा गया।"शब्द छोटे पड़ जाते हैं जब रूह कांपती है"कुमार विश्वास ने अपनी वही बेबाक और मर्मस्पर्शी शैली में कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह सिर्फ़ एक राजनीतिक उथल-पुथल नहीं है, बल्कि मानवता के चेहरे पर एक काला धब्बा है। उन्होंने साफ़ लफ़्ज़ों में कहा कि मासूम बच्चों, महिलाओं और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना कायरता की आखिरी सीमा है। छत्तीसगढ़ की जनता के बीच बोलते हुए उनके चेहरे पर एक ऐसी टीस थी, जो बताती है कि एक सच्चा कलाकार कभी सीमाओं में नहीं बँधता; वह हर उस जगह रोता है जहाँ खून गिरता है।खामोश संगठनों पर सीधा प्रहारकुमार विश्वास सिर्फ दुख जताने तक ही नहीं रुके। उन्होंने दुनिया की उन तमाम बड़ी संस्थाओं और मानवाधिकार संगठनों पर भी तंज कसा, जो छोटी-छोटी बातों पर ज्ञान देने चले आते हैं, लेकिन आज बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चीखें उनके कानों तक नहीं पहुँच रहीं। कुमार ने पूछा, "क्या इस दुनिया की नज़रों में चुनिंदा दर्द ही महत्वपूर्ण हैं? आज जब मंदिर तोड़े जा रहे हैं और बस्तियाँ जलायी जा रही हैं, तो सबने अपने होठ क्यों सिल लिए हैं?"भारत के उत्तरदायित्व पर उनकी रायअपनी बातचीत के दौरान कुमार विश्वास ने यह भी याद दिलाया कि भारत ने हमेशा एक बड़े भाई का फ़र्ज निभाया है और पड़ोसियों की मदद की है। लेकिन आज जब हमारे ही लोग और संस्कृति उस पार खतरे में हैं, तो हर भारतीय का मन आक्रोश और चिंता से भरा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों से अपील की कि वे एकजुट रहें और दुनिया को दिखाएँ कि इंसानियत सबसे ऊपर है।वो जज्बा जिसे शब्दों में पिरोया गयाकुमार विश्वास के भाषण और प्रतिक्रिया में वह चिर-परिचित व्यंग्य भी था जो सिस्टम को हिलाने की ताकत रखता है। उन्होंने संकेतों में यह भी कह दिया कि अगर इतिहास से सबक नहीं लिया गया, तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। उनका ये बयान सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है और लोग कह रहे हैं कि आखिर कोई तो है जो सत्ता के गलियारों के बाहर बैठकर सच बोल रहा है।हकीकत ये है कि कुमार विश्वास का ये दौरा भले ही एक कार्यक्रम का हिस्सा हो, लेकिन बांग्लादेश पर उनकी ये बातें हर उस शख्स के मन की आवाज़ हैं जो शांति और सौहार्द में यकीन रखता है।