भारतीय रसोई में घी का स्थान अद्वितीय है, चाहे वह दाल का स्वाद बढ़ाने के लिए हो या गरम रोटी पर लगाने के लिए। यह न केवल स्वाद में इजाफा करता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। आयुर्वेद में इसे एक सुपरफ़ूड माना जाता है। कुछ लोग ताज़ी रोटी पर घी लगाना पसंद करते हैं, जबकि अन्य इसे नहीं खाते। इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है - क्या रोटी पर घी लगाना वास्तव में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है?
पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हैं।
रोटी पर घी लगाने से पहले सोचें
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, आयुर्वेद में घी को एक प्रभावी उपचार माना जाता है, और इसके पोषण गुणों के कारण इसे अमृत के समान समझा जाता है। इसमें स्वस्थ फैटी एसिड और आवश्यक विटामिन होते हैं, जो शरीर के विभिन्न कार्यों में मदद करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। हालांकि, वह यह भी बताते हैं कि घी का सेवन कैसे किया जाता है, यह महत्वपूर्ण है। गरम रोटी पर सीधे घी लगाने से पाचन में समस्या हो सकती है। गर्म स्टार्च और वसा का संयोजन पेट में भारीपन पैदा कर सकता है, जिससे अपच, गैस और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, विशेषकर उन लोगों में जिनका पाचन कमजोर है।
घी का सही तरीके से सेवन कैसे करें
रोटी पर सीधे घी लगाने के बजाय, इसे दाल या सब्जी पकाते समय इस्तेमाल करने पर विचार करें। उदाहरण के लिए:
दाल में तड़का लगाते समय थोड़ा सा घी डालें।
पकाते समय अपनी करी में एक चम्मच घी मिलाएँ।
इस तरह, घी अन्य सामग्रियों के साथ मिलकर पचाने में आसान हो जाता है और इसके स्वाद और पोषण संबंधी लाभ भी मिलते हैं।