सितंबर से रायपुर में फिर बनेगा स्काई-वॉक, कांग्रेस बोली…
Garima Singh July 27, 2024 11:27 AM

रायपुर के विवादित प्रोजेक्ट स्काई वॉक को पूरा किया जाएगा. करीब 7 वर्ष बाद इस पर फिर से काम प्रारम्भ होने वाला है. PWD अफसरों के मुताबिक, सितंबर से निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जाएगा. डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, शास्त्री चौक के पास स्काई वॉक का निर्माण कार्य

रमन सिंह गवर्नमेंट में जिस ड्राइंग डिजाइन के प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिला था, उसी आधार पर स्काई वॉक के निर्माण होगा. कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने इस पर रोक लगा दी थी. अब साय गवर्नमेंट के फैसला के बाद स्काई वॉक पर राजनीति और बयानबाजी प्रारम्भ हो गई है.

 

 

राहगीरों-मरीजों की सुविधा के लिए ‘स्काई वॉक’

दरअसल, तत्कालीन रमन सिंह गवर्नमेंट ने 2016-17 स्काई वॉक का काम प्रारम्भ कराया था. इसके लिए कंसल्टेंट एसएन भावे एसोसिएट मुंबई ने सर्वे किया. अपनी रिपोर्ट में कहा था कि, शास्त्री चौक से प्रतिदिन 27 हजार, मेकाहारा चौक से करीब 14 हजार राहगीर पैदल आना-जाना करते हैं.

डीकेएस हॉस्पिटल और जीई रोड के ट्रैफिक को कम करने के लिए इस प्रोजेक्ट को तैयार किया था. स्काई वॉक पर लोगों को चढ़ने-उतरने के लिए 12 जगहों पर सीढ़ी, ऐस्कलेटर और लिफ्ट की प्रबंध की गई.

70% काम पूरा होने के बाद कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट में लगी रोक

विधानसभा चुनाव 2018 के बाद तक स्काई वॉक का निर्माण कार्य चलता रहा. इसके बाद 2019 में भूपेश गवर्नमेंट ने इस पर रोक लगा दी. हालांकि इस दौरान 70 प्रतिशत काम हो चुका था. इसे देखते हुए स्काई वॉक के अन्य इस्तेमाल को लेकर गवर्नमेंट ने वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में सुझाव समिति का गठन किया.

 

कांग्रेस के विरोध का क्या कारण है?

दरअसल, स्काई वॉक के निर्माण कार्य पर रोकने के पीछे भूपेश गवर्नमेंट ने वजह बताई थी कि इसकी डिजाइन जनता के इस्तेमाल के हिसाब से नहीं है. वहीं यह भी बोला था कि, पैदल चलने वालों के जो आंकड़े पेश किए गए हैं, वो भी ठीक नहीं हैं. साथ ही इसमें बीजेपी नेताओं पर करप्शन का भी इल्जाम लगाया गया. इसे लेकर ACB में कम्पलेन भी की गई थी.

 

स्काई वॉक पर 3 कंपनियों ने मिलकर किया काम

तीन कंपनियां मिलकर स्काई वाक का काम कर रहीं थी. सिविल का काम जीएस एक्सप्रेस को 50 करोड़ में, श्रीजी बिल्ड प्रोजेक्ट को तकनीकी कार्य 15 करोड़ में और मेसर्स ट्रेंच लेथ को विद्युतीकरण का काम 12 करोड़ रुपए में सौंपा गया था. कंपनियों के भुगतान का मुद्दा फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित है.

 

रायपुरवासी चाहते हैं बने स्काई वॉक

रायपुर के लोग स्काई वॉक बनाने के पक्ष में हैं. उनका बोलना है कि इससे जाम और दूसरी चीजों से राहत मिलेगी. खासकर रोगियों के लिए यह बेहतर साबित होगा. रोगी अंबेडकर हॉस्पिटल और डीकेएस हॉस्पिटल तक आराम से आना-जाना कर सकेंगे.

 
 

स्काई वॉक की अभी ये हालत

जय स्तंभ चौक पर स्थित मल्टी-लेवल पार्किंग से शास्त्री चौक और अंबेडकर हॉस्पिटल के गेट तक स्काई वॉक का स्ट्रक्चर तैयार है. पीडब्ल्यूडी के अफसरों की जांच में पता चला है कि इस ब्रिज से कई जगहों से एसीपी शीट, एल्यूमीनियम फ्रेम और डिवाइडर रेलिंग चोरी हो गए हैं.

ब्रिज में लगे स्टील और नट बोल्ट ठीक हैं. वेल्डिंग, पेटिंग, फ्लोरिंग, हुड और फ्लोरिंग फिक्सिंग का काम अधूरा है. खुले में होने की वजह से बारिश और गर्मी के कारण कई हिस्से में जंग भी लग गई है. इससे स्ट्रक्चर की मजबूती पर असर पड़ सकता है. सेतु निगम की टीम ने पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है.

 

स्काई वॉक के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने प्रस्ताव तैयार कराया था. इसके बाद वह और अन्य मंत्री योजना के लिए तैयार किए गए मॉडल का अवलोकन करने पहुंचे थे. (फाइल फोटो)

 

रायपुर में बढ़ती आबादी, गाड़ियों की संख्या, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्काई वॉक को 8 माह में पूरा किया जाना था.

नया सामान लगेगा, बढ़ेगी लागत

स्काई वॉक के लिए पहले 48 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था. इसके बाद ले-आउट में लगातार परिवर्तन की वजह से इसकी लागत 77 करोड़ पहुंच गई थी. उस समय ठेका एजेंसी को 34 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया था.

पीडब्ल्यूडी के ऑफिसरों के मुताबिक करीब 7 वर्ष बाद दोबारा इस पर दोबारा काम प्रारम्भ करने के लिए खराब समान को निकालना पड़ेगा. नए सामान लगाने होंगे. ऐसे में करीब 6 से 7 करोड़ का खर्च बढ़ सकता है.

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