BJP के हाथ से चला जाएगा हरियाणा? सामने आ गए वो फैक्टर्स, जो चुनाव में करा देंगे मिट्टी पलीद!
एबीपी लाइव डेस्क September 16, 2024 09:42 PM

  • हरियाणा के आम चुनाव में बीजेपी 10 में से पांच सीटें हारी. कांग्रेस नौ पर लड़ी थी पर वह पांच पर जीती. ऐसे में साफ है कि उसका रेशियो बीजेपी से अधिक है. राज्य में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत के जो भी कारण थे, वे मौजूदा समय में भी बने हैं.
  • साल 2019 में देश में पुलवामा जैसा मुद्दा था. रोचक बात है कि बीजेपी की सीटें तब 47 से कम होकर 40 पर आ गई थीं. अटकलें हैं कि सीटें इस बार के चुनाव में और भी कम हो सकती हैं. ऊपर से बीजेपी का वोट शेयर भी लगातार गिर रहा है. आशंका है कि 2024 में यह और गिरेगा. अगर बीजेपी और कांग्रेस के वोट शेयर में 10% का अंतर हुआ तब उसका सूपड़ा तक साफ हो सकता है और वह 10 से 15 सीटों तक ही सिमट सकती है.
  • हरियाणा में पहले मनोहर लाल खट्टर भाजपा सरकार के सीएम थे. बाद में उनकी जगह पर नायब सिंह सैनी को गद्दी पर बैठाया गया. माना जा रहा है कि बीजेपी ने राज्य में सीएम बदलकर यह कबूल लिया कि वह एंटी-इनकंबेसी का शिकार है. अंदर फिलहाल सबकुछ सही नहीं है. बीजेपी को यह भी लगता है कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे जनता उसे माफ कर दे.
  • ब्रांड मोदी का दांव अब हरियाणा में उस तरह से नहीं चलने वाला, जैसे पहले काम कर रहा था. चुनाव से पहले आए सर्वे बताते हैं कि लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की पॉपुलैरिटी का ग्राफ बढ़ा है. जहां पहले उन्हें पीएम के लिए 15% लोग पसंद करते थे, अब इसी मामले में वह 30% जनता की चॉइस हैं, जबकि पीएम के नाते नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता गिरी है. पहले वह 57% की पसंद थे पर कुछ ताजा सर्वे में यह आंकड़ा 32% तक आ पहुंचा है. 
  • बीजेपी की ओर से जहां मनोहर लाल खट्टर को बदनाम माना जाता है, जबकि नायब सिंह सैनी उस कद के नहीं है, जैसा कि बीजेपी की ओर से बड़ा नेता होना चाहिए. वहीं, जहां कांग्रेस ने सीएम घोषित नहीं किया है. इस बीच, कांग्रेस में खेमेबाजी और गुटबाजी भी इस बार कम दिखी. पार्टी ने असंतुष्टों को मनाने के हर-संभव प्रयास किए, जिससे कुल मिलाकर फायदा कांग्रेस को ही होगा.   

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