5 गुना से ज्यादा बुक हुआ 493 करोड़ रुपये का Western Carriers India IPO, चेक करें बाकि डिटेल्स
et September 17, 2024 01:42 AM
वेस्टर्न कैरियर्स (इंडिया) लिमिटेड आईपीओ (Western Carriers (India) IPO) सब्सक्रिप्शन के दूसरे दिन 5.09 गुना बुक हो गया. इसे रिटेल कैटेगरी में 7.77 गुना, एनआईआई कैटेगरी में 5.61 गुना और क्यूआईबी कैटेगरी में 0.03 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. उल्लेखनीय है कि सब्सक्रिप्शन के पहले दिन यह इश्यू 85 प्रतिशत ही बुक हुआ था. 18 सितंबर को यह इश्यू बंद होगा.पब्लिक ऑफर में करीब 50% हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (qualified institutional buyers), 15% गैर-संस्थागत निवेशकों (non-institutional investors) और बाकी 35% हिस्सा खुदरा निवेशकों (retail investors) के लिए आरक्षित है.यह आईपीओ 492.88 करोड़ रुपये का एक बुक बिल्ट इश्यू है. यह 400 करोड़ रुपये मूल्य वाले 2.33 करोड़ शेयरों का फ्रेश इश्यू और 92.88 करोड़ रुपये के 54 लाख ऑफर फॉर सेल शेयरों का कॉम्बिनेशन है. Western Carriers (India) IPO प्राइस बैंडWestern Carriers (India) IPO का प्राइस बैंड 163-172 रुपये प्रति शेयर है. एक एप्लिकेशन के साथ न्यूनतम लॉट साइज 87 शेयरों का है. रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए न्यूनतम निवेश राशि 14 हजार 964 रुपये है. Western Carriers (India) IPO GMPबाजार विश्लेषकों के अनुसार Western Carriers (India) IPO का वर्तमान GMP अनलिस्टेड मार्केट में 62 रुपये है, जो कैप प्राइस की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है. अन्य विवरणवेस्टर्न कैरियर्स (इंडिया) लिमिटेड एक मल्टी-मॉडल, रेल-केंद्रित, 4PL एसेट-लाइट लॉजिस्टिक्स कंपनी है. कंपनी सड़क, रेल, जल और एयर ट्रांसपोर्टेशन और वैल्यू एडेड सर्विस की एक अनुकूलित श्रृंखला को शामिल करते हुए पूरी तरह से कस्टमाइज, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक समाधान प्रदान करती है.कंपनी मैटल्स, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG), फार्मास्यूटिकल्स, केमिकल्स, इंजीनियरिंग, ऑइल और गैस और रिटेल जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करती है. 31 मार्च 2024 और 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के बीच वेस्टर्न कैरियर्स (इंडिया) लिमिटेड के राजस्व में 3% की वृद्धि हुई और कर के बाद लाभ (पीएटी) में 12% की वृद्धि हुई. वित्त वर्ष 24 में कंपनी का रेवेन्यू 1691.41 करोड़ रुपये और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 80.35 करोड़ रुपये था.फ्रेश इश्यू की शुद्ध आय का उपयोग कंपनी उधार चुकाने, पूंजीगत व्यय की आवश्यकताओं को पूरा करने, कमर्शियल वाहन खरीदने, सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करेगी. (अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये द इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)
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