आखिर क्यों सिरसा में बीजेपी ने खुद अपने ही उम्मीदवार को चुनावी मैदान से लिया हटा, खुद अशोक तंवर ने वापस करवाया नामांकन
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अजब-गजब नजारे दिख रहे हैं। किसी सीट पर पार्टी बागियों से परेशान है तो किसी गठबंधन के सहयोगी ही अलग रास्ते पर दिख रहे हैं, अब सिरसा सीट से एक अलग कहानी सामने आई है। यहां से भाजपा ने अपने ही उम्मीदवार का पर्चा वापस करा दिया है। मतलब अब सिरसा विधानसभा सीट पर बीजेपी चुनाव ही नहीं लड़ रही है। अब ऐसा क्या हुआ है जिसके कारण बीजेपी को सिरसा सीट से पीछे हटना पड़ा है? इस सवाल का जवाब हैं गोपाला कांडा। सिरसा सीट पर बीजेपी गोपाल कांडा को समर्थन करेगी।
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अशोक तंवर ने वापस करवाया नामांकन
सिरसा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उनका नामांकन वापस कराने खुद भाजपा नेता अशोक तंवर पहुंचे थे। जांगड़ा ने पीटीआई को बताया-‘‘मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। यह निर्णय राज्य और देश के हित में लिया गया है...हमें ‘कांग्रेस मुक्त हरियाणा’ सुनिश्चित करना है।’’
गोपाल कांडा को समर्थन क्यों
दरअसल कहने को गोपाल कांडा, इनेलो के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन हाल ही में गोपाल कांडा ने साफ कर दिया था कि वो चुनाव के बाद बीजेपी की सरकार बनवाएंगे। कांडा, सिरसा से मौजूदा विधायक हैं और उन्होंने पूर्व में भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया था। हरियाणा में मुश्किल वक्त में कांडा बीजेपी के साथ खड़े थे। हालांकि पिछली बार कांडा बहुत ही कम अंतर से जीते थे, इस बार अगर बीजेपी, इनेलो गठबंधन से कांडा और कांग्रेस से गोकुल सेतिया के बीच मुकाबला था, कांडा और बीजेपी के लिए यह सीट फंस सकती थी, क्योंकि गोकुल सेतिया पिछली बार सिर्फ 602 वोटों से हारे थे, ऐसे में बीजेपी के हट जाने से अब मैदान में कांडा और सेतिया के बीच मुकाबला होगा, जिसमें कांडा मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं।