Ganesh Visarjan 2024 Date: गणपति बप्पा की कैसे करें विदाई, जानें गणेश विसर्जन का पावन मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र
Mensxp September 17, 2024 02:42 AM

Ganesh Visarjan 2024 Date, Muhurat: गणेश विसर्जन, वह खास दिन है जब भक्त अपने प्रिय भगवान गणेश को अंतिम विदाई देते हैं। यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि भक्त 10 दिन तक भगवान गणेश की पूजा करने के बाद, उनकी प्रतिमा को जलाशयों में विसर्जित करते हैं। गणेश विसर्जन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अनंत चतुर्दशी को मनाया जाता है।

इस साल गणेश विसर्जन कब होगा?

गणेश विसर्जन 2024 का दिन 17 सितंबर को पड़ेगा।

गणेश विसर्जन 2024: तिथि और समय

• चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 16 सितंबर, 2024 को शाम 03:10 बजे

• चतुर्दशी तिथि समाप्ति: 17 सितंबर, 2024 को सुबह 11:44 बजे

गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त

• सुबह का शुभ मुहूर्त: 17 सितंबर, 2024 - सुबह 08:38 से दोपहर 01:13 बजे तक

• दोपहर का मुहूर्त: 17 सितंबर, 2024 - दोपहर 02:44 से शाम 04:16 बजे तक

• शाम का मुहूर्त: 17 सितंबर, 2024 - शाम 07:16 से रात 08:44 बजे तक

• रात का मुहूर्त: 17 सितंबर, 2024 - रात 10:13 से 18 सितंबर, 2024 को सुबह 02:38 बजे तक

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गणेश विसर्जन 2024: महत्व

गणेश विसर्जन हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र अवसरों में से एक है। इस दिन, भक्त भगवान गणेश को अंतिम विदाई देते हैं। दस दिन की पूजा-अर्चना के बाद, भक्त गणेश जी की प्रतिमा को जलाशयों जैसे नदियों, तालाबों, या समुद्र में विसर्जित करते हैं। कुछ भक्त इस अनुष्ठान को घर पर भी आयोजित करते हैं और एक कृत्रिम तालाब बनाते हैं।

गणेश विसर्जन के दिन को बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन विशेष पूजा और आरती करते हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश इस दिन भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।

पंचांग के अनुसार, गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त के दौरान करना चाहिए ताकि भगवान गणेश भक्तों को सुख, प्रेम, धन और समृद्धि का आशीर्वाद दें। लोग अपने रिश्तेदारों और मित्रों को घर आमंत्रित करते हैं, पूजा और आरती करते हैं और भगवान गणेश की प्रतिमा को नदी के किनारे ले जाकर "गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया, पुण्य वर्षा लेवा कार्या" का उद्घोष करते हैं।

गणेश विसर्जन 2024: पूजा विधियां

• सुबह जल्दी उठें और स्नान करें: पूजा की विधियों की शुरुआत से पहले स्वच्छता का ध्यान रखें।

• घर और पूजा स्थल की सफाई करें: पूजा स्थल को साफ और पवित्र बनाएं।

• रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित करें: गणेश विसर्जन पूजा के लिए अपने परिवार और मित्रों को आमंत्रित करें।

• विशेष व्यंजन और मिठाइयां तैयार करें: विभिन्न प्रकार के पकवान और मिठाइयों की व्यवस्था करें।

• दीया जलाएं और पूजन सामग्री अर्पित करें: देशी घी से दीपक जलाएं, तिलक और कुमकुम लगाएं, लड्डू और मोदक अर्पित करें।

• मूर्ति को सजाएं: भगवान गणेश की मूर्ति को फूलों और मालाओं से सजाएं।

• आरती करें: "जय गणेश जय गणेश जय गणेश देव" और "सुखकर्ता दुखकर्ता वाता विघ्नाची" की आरती करें।

• आरती के बाद मूर्ति को ले जाएं: भगवान गणेश की मूर्ति को समुद्र या नदी तक ले जाएं, साथ में नारियल, फूल और अगरबत्ती भी लें।

• भव्य जुलूस निकालें: परिवार, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों के साथ भव्य जुलूस निकालें।

• नाचें और गाएं: गणपति बप्पा मोरया के गान और नृत्य का आनंद लें।

• पुनः आरती करें: आरती करें, अगरबत्ती जलाएं, फूल और मिठाई अर्पित करें और नारियल तोड़ें।

• भोजन का वितरण करें: कुछ लोग भोजन भी तैयार करते हैं और इसे जरूरतमंद लोगों में वितरित करते हैं।

• मूर्ति का विसर्जन: अंत में भगवान गणेश की मूर्ति को पानी में विसर्जित करें और अगले साल उनकी वापसी की प्रार्थना करें तथा 10 दिनों के दौरान की गई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।

गणेश विसर्ज के दौरान इस मंत्र का ध्यान करें

• ॐ गण गणपतये नमः..!!

• ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दान्ति प्रचोदयात्..!!

• ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा..!!

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