यूपी में सामानों की सप्लाई चेन को मजबूती देने के लिए कार्गो टर्मिनल का जाल बिछाने की तैयारी है. इन कार्गो टर्मिनल हब में भारी माल की लदान, उठान, सुरक्षित भंडारण की विशेष सुविधाएं होंगी. वेयर हाउस और लाजिस्टिक नीति के अनुसार एक ओर गतिशक्ति अभियान के अनुसार कार्गो के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है, तो वहीं निजी निवेशकों को इस नीति के जरिए आकर्षित किया जा रहा है.
हाल में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दादरी में केंद्र की पीएम गति शक्ति स्कीम के अनुसार कार्गो टर्मिनल विकसित करने का प्रस्ताव मंजूर किया है. यहां की 260 एकड़ भूमि पर कार्गो टर्मिनल हब बनने जा रहा है. यह कार्गो पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में माल की आवाजाही और निर्यात का बड़ा जरिया बनेगा. यहां विभिन्न एक्सप्रेसवे और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से माल को लाने ले जाने और भंडारण की सुविधा होगी. इसी तरह एक कार्गो गोरखपुर में भी बनेगा.
इसके अतिरिक्त कुछ निजी कंपनियों ने भी विभिन्न जिलों में कार्गो टर्मिनल स्थापित करने में रुचि दिखाई है. यह जिले लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, सीतापुर, शाहजहांपुर, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या, अलीगढ़, आजमगढ़ और आगरा हैं. औद्योगिक विकास विभाग की प्रयास है कि जलमार्ग के जरिए माल परिवहर के लिए कार्गो स्थापित करने में निजी निवेश करने वाली कंपनियों को लाया जाए. इसके लिए उपस्थित नीति में कुछ संशोधन कर कुछ और रियायतें निवेशकों को देने पर विचार चल रहा है.
वेयरहाउस और लाजिस्टिक नीति 2022 के जरिए उत्तर प्रदेश में मजबूत ट्रांसपोर्ट अवसंरचना नेटवर्क, स्थिर भंडार और लॉजिस्टिक्स अवसंरचना को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. इसमें कोल्ड चेन, कार्गो, मल्टी मॉडल पार्क, लॉजिस्टिक्स पार्क और एयर फ्रेट स्टेशन, ट्रकर्स पार्क, और अंतर्देशीय पोर्ट का विकास शामिल है.