शिवपुरी जिले में बारिश के मौसम में ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों को हो रही परेशानियां
Suman Singh September 20, 2024 06:27 PM

शिवपुरी जिले की पिछोर जनपद के पिपारा पंचायत से जिला पंचायत के विकास कार्यों की पोल खोलती फोटोज़ सामने आई हैं. यहां बारिश के मौसम में ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दरअसल, इस गांव में एक आम रास्ता है, जो मुख्य

हर रोज इसी मार्ग से ग्रामीण आवागवन करते हैं. इसके बावजूद इस मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया गया है. इस मुद्दे में सरपंच-सचिव टकराव का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ चुके हैं. ग्रामीणों को उनके उसी हाल में छोड़ रखा है.

बच्चों के विद्यालय की राह नहीं आसान जानकारी के अनुसार जिला पंचायत शिवपुरी और पिछोर विधानसभा में विकास की जो फोटोज़ हैं वह पिपारा पंचायत के मुख्य गांव पिपारा की हैं. यहां बच्चों को इसी तरह हर रोज बच्चों को विद्यालय जाने के लिए कीचड़ के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता हैं. कंधो पर स्कूली बैग और हाथ में जूते-चप्पल लेकर हर रोज करीब 100 मीटर से अधिक कीचड़ से भरे रास्ते से बच्चों को गुजरना पड़ता है. इतना ही नहीं जो स्कूली बच्चे बहुत छोटे होते हैं, उन्हें परिजन अपने कंधों पर बैठाकर विद्यालय छोड़ने जाते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि सालों से इसी तरह से नरकीय जीवन जीने को विवश हैं.

प्रसूता और रोगियों को भी कठिनाई ग्रामीण बताते हैं कि सालों से इसी तरह से नरकीय जीवन जीने को विवश हैं. कंधे पर बैठाकर अपने नाती को विद्यालय छोड़ने जाते समय बद्री पाल ने कहा कि वर्षों से खराब पड़ी सड़क को नहीं बनाया गया है. बच्चों की पढ़ाई में सड़क रोड़ा बनी हुई है. इसी के चलते उन्हें हर रोज बच्चों को विद्यालय छोड़ने और लेने जाना पड़ता है.

इधर, समय देने के चलते उनकी खेती-किसानी के कार्य भी प्रभावित होते हैं. ग्रामीण फूलसिंह बताते हैं कि सड़क निर्माण कराने की कई कम्पलेन सरपंच-सचिव से कर चुके हैं. लेकिन सड़क निर्माण का पैसा न आने की बात कहकर टाल दिया जाता हैं.

ग्रामीण रामलखन लोधी ने सरपंच पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि कुछ ग्रामीणों के कहने पर सरपंच गांव के इस मार्ग को बनने नहीं दे रहा है. जिससे हर रोज ग्रामीणों सहित बच्चों के परेशान होना पड़ रहा है. इस सड़क के दूसरे हिस्से में करीब 25 परिवार निवास करते हैं. ऐसे में यदि किसी प्रसूता को डिलीवरी के लिए ले जाने में बड़ी कठनाइयों को सामना करना पड़ता हैं साथ ही बीमार रोगियों को लाने ले जाने में कठिनाई होती हैं.

सरपंच-सचिव ने झाड़ा पल्ला सड़क निर्माण न कराए जाने पर सरपंच धनिया जाटव और सचिव वीरेंद्र पटेल से बात की गई. सरपंच सचिव ने टकराव का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया. सरपंच का बोलना था कि इस मार्ग पर कुछ परिवार सड़क निर्माण पर टकराव करते हैं. इसके चलते सड़क निर्माण का कार्य नहीं हो सका है. वहीं सचिव वीरेंद्र पटेल ने कहा कि पांच वर्ष से इस मार्ग पर शेड्यूल संपर्क सड़क स्वीकृत है, साथ ही अब नाली भी स्वीकृत हो गई हैं. लेकिन कुछ परिवार सड़क अपने हिसाब से डाले जाने की मांग करते हैं. इस कारण से सड़क निर्माण का कार्य नहीं हो सका है.

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