Monkeypox cases: राष्ट्र में मंकीपॉक्स का दूसरा मुद्दा सामने आया है। ऐसे में ये चिंता का विषय बना हुआ है। इससे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि इस वायरस को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। जो कि एक वायरल रोग है, ये ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस के मैंबर मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। ये रोग देखने में चेचक की तरह होती है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार (WHO) ये वायरस बॉडी फ्लूइड, स्किन पर घावों या संक्रमित व्यक्तियों के रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के सीधे संपर्क से फैलता है। कहा जा रहा है कि ये बिस्तर या कपड़े और संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। ऐसे में इससे बचाव करना बहुत महत्वपूर्ण है। ताकि इसके बढ़ते संक्रमण को कम किया जा सके। बता दें कि सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स के संपर्क में आने के 4 दिनों के अंदर आपको वैक्सीन लगवाना महत्वपूर्ण है। इससे इस संक्रमण के होने की आसार काफी हद तक कम हो जाती है।
जानकारी के मुताबिक मंकीपॉक्स की रोग घातक जरूर है, लेकिन ये Covid-19 की मुकाबले कम तेजी से फैलने वाला संक्रमण है। वहीं जिन लोगों ने चेचक का टीका लगवा रखा है और उन्हें इससे पहले चेचक हो भी रखा है, उन लोगों को मंकीपॉक्स के संक्रमण का अधिक खतरा नहीं है। डॉक्टर्स का मानना है कि चेचक के मुकाबले मंकीपॉक्स में मौत रेट काफी कम है। और अधिकांश रोगी दो से चार हफ्ते में ठीक हो रहे है। इस संक्रमण के होने पर घबराएं नहीं है, बल्कि तुरंत वैक्सीन लगवाएं और अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचें। इससे बचाव के लिए बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं और अपने इर्द-गिर्द के साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
अगर किसी आदमी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो उनसे दूरी बनाएं और उनके सीधे संपर्क में जानें से बचें। साथ ही इस वायरस से बचाव करने के लिए मास्क का इस्तेंमाल करें। इस संक्रमण से बचाव करने के लिए बंदर और चूहों जैसे जानवरों से दूर रहें। ऐसे समय में अधिक के अधिक मात्रा में पानी पिएं।