Tirumala Tirupati Devasthanam: आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर इन दिनों एक अजीब से विवाद का केंद्र बना हुआ है. चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) के नेतृत्व में आई नई सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) के ऊपर आरोप लगाया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanam) में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में जिस घी का इस्तेमाल किया गया, वह मिलावटी था. इसमें तथाकथित रूप से जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया जा रहा था. इसके बाद पुराने सप्लायर को हटाकर नए को मौका दे दिया गया है.
अब यहां जो सबसे बड़ा सवाल उठता है वो यह कि देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाने वाला तिरुपति मंदिर हर साल सिर्फ लड्डू प्रसाद से ही करीब 500 करोड़ रुपये की कमाई करता है. ऐसे में उसे ऐसी क्या दिक्कत थी, जो वह मात्र 320 रुपये प्रति किग्रा की दर से तमिलनाडु के एआर डेयरी फूड्स (AR Dairy Foods) से गाय का घी खरीद रहा था. अब मंदिर में घी सप्लाई का ठेका कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (Karnataka Milk Federation) को दिया गया है, जो कि 475 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से घी दे रहा है.
तिरुपति मंदिर में रोजाना करीब 3 लाख लड्डू बनाने के लिए लगभग एक टन बेसन, 10 टन चीनी, 700 किलो काजू, 500 किलो मिश्री और करीब 500 किलो घी का उपयोग किया जाता है. हर लड्डू का वजन 175 ग्राम होना चाहिए. इन्हें फूड टेस्टिंग लैब से होकर भी गुजरना पड़ता है. इसका इतिहास करीब 300 साल पुराना है. साल 1984 तक रसोई (Potu) में प्रसाद बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था. अब गैस चूल्हे पर इसे बनाया जाता है. लड्डू को साल 2009 में जीआई टैग भी प्राप्त हुआ है. इसे बनाने की प्रक्रिया को दित्तम (Dittam) कहा जाता है.
मंदिर में तीन प्रकार के लड्डू चढ़ाए जाते हैं. आस्थानम लड्डू सिर्फ विशेष उत्सवों के दौरान तैयार होता है. कल्याणोत्सवम लड्डू अर्जित सेवा में भाग लेने वाले भक्तों को दिया जाता है. प्रोक्तम लड्डू सभी दर्शनार्थियों को मिलता है.
इस बीच अमूल इंडिया (Amul India) ने कहा है कि उनकी तरफ से कभी भी घी तिरुपति मंदिर को सप्लाई नहीं किया गया. अमूल इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी रिपोर्ट सामने आईं हैं, जिनमें कहा गया है कि तिरुपति मंदिर में हमारी ओर से घी (Amul Ghee) जाता था. कंपनी ने कहा ये सभी रिपोर्ट अफवाह हैं. हमारा घी कड़े परीक्षणों के बाद बनता है. इसमें मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं है. अमूल घी को बनाने के लिए हमारे पास आईएसओ सर्टिफाइड (ISO Certified) प्रोडक्शन प्लांट है. घी को बनाने में इस्तेमाल हो रहा दूध भी हमारे कलेक्शन सेंटर में आता है. यहां पर दूध की गुणवत्ता का भी परीक्षण किया जाता है. हम FSSAI के सभी मानकों का पालन करते हुए अपने सारे प्रोडक्ट बनाते हैं.
ये भी पढ़ें
Tirupati Laddu: तिरुपति बालाजी मंदिर में नहीं जाता था अमूल का घी, विवाद के बाद सामने आई कंपनी