बेटे को इंस्टाग्राम पोस्ट से लगी माँ की मौत की भनक, नसीब नहीं हुई…
Krati Kashyap September 21, 2024 12:27 PM

संस्था ने बुजुर्ग स्त्री को लावारिस मानकर आखिरी संस्कार कर दिया था. इसका वीडियो देखकर बेटा उज्जैन पहुंचा. दो वर्ष पहले कर्नाटक के हुबली से उज्जैन के महाकालेश्वर दर्शन के लिए निकली 67 वर्षीय बुजुर्ग स्त्री उज्जैन में एक हादसे की शिकार हो गई. गंभीर हालत में उसे इंदौर रेफर किया गया. जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. जब चार दिन तक उसकी पहचान नहीं हुई तो इंद

Dead body of youth scaled 1

दाह संस्कार करने वाली सामाजिक संस्था ने उसके और आखिरी संस्कार के फोटो-वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिए. दो वर्ष बाद बेटे ने मां का फोटो-वीडियो देखा तो इंदौर संपर्क किया. पता चला कि अस्थियां विसर्जित की जा चुकी थीं.

बेटा श्राद्ध पक्ष में मां की निशानी लेने इंदौर आया लेकिन कुछ नहीं मिला. मां को मोक्ष मिले इस सोच के साथ उसने अन्य लावारिस वृद्धा की अस्थियों का पूजन किया. फिर सांकेतिक तौर पर दो अस्थियां (कलश) लेकर कर्नाटक रवाना हो गया. दो दिन बाद वह वहां मां का श्राद्ध के साथ तर्पण करेगा.

लावारिस मानकर कर दिया था आखिरी संस्कार

मामला 4 दिसंबर 2022 का है. उज्जैन के पास बुजुर्ग स्त्री हादसा में घायल हो गई थी. उसे एम्बुलेंस से एमवाय हॉस्पिटल लाया गया था. 7 दिसंबर 2022 को उसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. इस बीच उज्जैन और इंदौर पुलिस ने उसकी पहचान के कोशिश किए. 11 दिसंबर को इंदौर पुलिस ने पहचान नहीं होने पर लावारिस मानकर महाकाल संस्था के माध्यम से उसका आखिरी संस्कार करवा दिया.

संस्था ने उसके फोटो और आखिरी संस्कार के वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिए. फिर 2023 में श्राद्ध पक्ष में जूनी इंदौर मुक्तिधाम में रखी 200 से अधिक लावारिस अस्थियों का हरिद्वार में विधि विधान के साथ विसर्जन कर दिया गया. इसमें इस वृद्धा की अस्थियां भी थीं.

बेटे ने संस्था से लावारिस अस्थियां मांगी

इंदौर पुलिस और महाकाल संस्था ने बेटे को कहा कि उसकी मां को 4 दिसंबर को उज्जैन के सरकारी हॉस्पिटल से इंदौर रेफर किया गया था. तब उनके शरीर पर नीले कपड़े (मरीजों के) थे. वह गंभीर होने के साथ सुध-बुध भी खो बैठी थी. उनके पास कोई सामान नहीं था. राजू ने कहा कि वह मां का श्राद्ध करना चाहता है. लेकिन तर्पण के लिए न तो उनकी अस्थियां हैं ना ही कोई निशानी. उसने बोला कि कोई अन्य वृद्धा जिसकी एक-दो अस्थियां सांकेतिक रूप से मिल जाए तो उसे ही मां की निशानी मान लेगा.

सांकेतिक अस्थियों का करेगा तर्पण

गुरुवार को उसे एक लावारिस वृद्धा की दो अस्थियां (जूनी इंदौर मुक्तिधाम) कलश में दी गईं. यहां पूजा की. उसे निशानी के लिए 2022 में किए मां के आखिरी संस्कार की रसीद दी गई. मौत प्रमाण पत्र कुछ दिनों बाद दिया जाएगा. इसके साथ ही लिखा-पढ़ी कर मां की पहचान कराई गई. गुरुवार देर रात वह मां का सांकेतिक अस्थि कलश लेकर रवाना हो गया. दो दिन बाद वह अपने निवासी श्रीराम नगर, धार वार्ड, हुबली में मां का श्राद्ध और तर्पण की रस्म पूरा करेगा.

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