क्यों हर साल मनाया जाता है World Alzheimer's Day? जानें इसका महत्व और इस साल की थीम
Times Now Navbharat September 21, 2024 04:42 PM

World Alzheimer's Day Significance History Theme In Hindi: अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अपनी याददाश्त धीरे-धीरे खोने लगता है। इस बीमारी में हमारे दिमाग के बीटा सेल नष्ट होने लगते हैं। दिमाग के बीटा सेल ही हमें चीजों को याद रखने, सोचने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। यदि इस बीमारी का इलाज समय रहते न किया जाए तो स्थिति इस हद तक पहंच सकती है कि रोगी को अपना खुद का नाम याद रख पाना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा वह अपने दिन की जरूरत की लगभग सारी जरूरी चीजों को भूलने लगता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जाए और इसका उचित इलाज किया जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हर साल 21 सितंबर के दिन World Alzheimer’s Day के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य अल्जाइमर के बारे में जागरूकता फैलाना और इसके इलाज को आसान बनाना है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

विश्व अल्जाइमर दिवस का इतिहास क्या है - World Alzheimer’s Day History In Hindi
World Alzheimer’s Day हर साल 21 सितंबर के दिन मनाया जाता है, लेकिन आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर इस दिन को मनाने की शुरुआत कब हुई थी। और आखिर इसे मनाने के लिए 21 सितंबर को ही क्यों चुना गया। तो आपको बता दें कि इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1994 से हुई थी। क्योंकि इस दिन अल्जाइमर डिजीज इंटरनेशनल नाम की एक संस्था की स्थापना को 10 साल पूरे हुए थे। जो अल्जाइमर और दिमाग संबंधी रोगों के लिए दुनिया भर में नि:शुल्क काम करती है।

विश्व अल्जाइमर दिवस 2024 की थीम - World Alzheimer’s Day 2024 Theme In Hindi

हर साल World Alzheimer’s Day एक विशेष प्रकार की थीम के साथ मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य एक विशेष प्रकार की जागरूकता को लोगों के बीच लाना होता है। इसी क्रम में World Alzheimer’s Day की थीम "मनोभ्रंश पर कार्रवाई करने का समय, अल्जाइमर पर कार्रवाई करने का समय" है। इस थीम का आशय है कि अल्जाइमर जैसे गंभीर खतरे से निपटने का यही सही समय है।

क्या हैं अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण? - Early Symptoms of Alzheimer In Hindi
  • जल्दी-जल्दी बातों को भूलने लगाना और एक बात को बार-बार पूछना।
  • किसी भी काम को ऑर्गनाइज तरीके से न कर पाना।
  • अपने दैनिक कामों को करने में कठिनाई महसूस करना।
  • रंगों की पहचान आसानी से न कर पाना।
  • सामाजिक सक्रियता से हमेशा दूर रहना।

  • डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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