कोडरमा का झुमरी तिलैया, जो अपने रेडियो फरमाइशी गीतों और कलाकंद मिठाई के लिए मशहूर है, अब एक नयी पहचान बना रहा है। आलू चिप्स और मडुवा के कुकीज इसके नए आकर्षण बनने जा रहे हैं। कोडरमा के बाजार समिति परिसर में आलू चिप्स प्रसंस्करण इकाई और मडुवा बेकरी प्रसंस्करण इकाई की आरंभ की गई है। फिलहाल छोटे पैमाने पर उत्पादन प्रारम्भ हो गया है और स्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही इन उत्पादों को बड़े ब्रांड के रूप में बाजार में उतारा जाएगा।
खाद्य सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान
लोकल 18 से विशेष वार्ता में कोडरमा की उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्त्रियों को स्वरोजगार से जोड़कर जिले को नयी पहचान दिलाना है। इन दोनों इकाइयों से 500 स्त्रियों को जोड़ा गया है, जिन्हें कुशल कारीगरों द्वारा उत्पाद निर्माण और खाद्य सुरक्षा मानकों की जानकारी दी जा रही है। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी समय-समय पर स्त्रियों को यह भी सिखा रहे हैं कि उत्पाद तैयार करते समय किन सावधानियों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, ताकि शुद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
आलू चिप्स और मडुवा कुकीज से स्त्रियों को आत्मनिर्भरता
कोडरमा के डोमचांच प्रखंड और आसपास के इलाकों में आलू की अच्छी पैदावार होती है, वहीं जयनगर और तिलैया डैम के इलाकों में मडुवा की बेहतर उपज होती है। इन क्षेत्रों की विशेषताओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने आलू चिप्स और मडुवा कुकीज की इकाइयों की स्थापना की है। स्त्री किसानों को सीधे इन यूनिट्स से जोड़ा गया है, जिससे वे आलू और मडुवा के उत्पादन से लेकर चिप्स और कुकीज बनाने तक की जरूरी जिम्मेदारी निभा रही हैं।
500 स्त्री किसानों को इन इकाइयों के लिए चयनित किया गया है, जिससे उत्पादन से प्रोसेसिंग तक का पूरा काम वे स्वयं संभाल रही हैं। इस पहल से न सिर्फ़ स्त्रियों को स्वरोजगार मिल रहा है, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की नयी दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। आने वाले समय में कोडरमा में बने ब्रांडेड आलू चिप्स और मडुवा के कुकीज बाजार में मौजूद होंगे, जो जिले को एक नयी पहचान दिलाएंगे।