बाजार में तेजी के बावजूद इस हफ्ते Smallcap Stocks रिटर्न देने में पिछड़े; मात्र 34 छोटे शेयर्स ने दी डबल डिजिट रिटर्न
et September 21, 2024 07:42 PM
नई दिल्ली: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजल्ट के द्वारा ब्याज दर में 50 बीपीएस की कटौती के डिसीजन ने भारत के शेयर बाजार में जान फूंक दी है. गुरुवार के अच्छे परफॉर्मेंस के बाद शुक्रवार को भारत का शेयर बाजार ताबड़तोड़ तेजी के साथ कारोबार करके बंद हुआ है. रिकॉर्ड तेजी के साथ बंदगुरुवार के ट्रेडिंग सेशन में जहां सेंसेक्स इंडेक्स 1359 अंकों की तेजी के साथ 84544 के लेवल पर बंद हुआ है वहीं निफ़्टी इंडेक्स 375 अंक पर 25790 के लेवल पर क्लोज हुआ है. तेजी के बीच स्मॉल कैप शेयर्स रिटर्न देने में पिछड़ेओवरऑल भारत के बाजार में बुलिश सेंटीमेंट देखा जा रहा है. इस कारोबारी हफ्ते की बात करें तो मार्केट की स्मॉल कैप शेयर्स रिटर्न देने के मामले में कमजोर नजर आ रहे हैं. इस हफ्ते में केवल 34 स्मॉल कैप शेयर्स ऐसे थे जिन्होंने डबल डिजिट में रिटर्न बना कर दिया है. इस कारोबारी हफ्ते से पहले वाले हफ्ते में 61 स्मॉल कैप शेयर्स ने डबल डिजिट रिटर्न दिया था. स्मॉल कैप सेगमेंट का टॉप गेनरइस हफ्ते में सबसे अधिक रिटर्न देने वाला स्मॉल कैप शेयर नियोजेन केमिकल्स का था जिसने करीब हफ्ते भर में 51% का रिटर्न बना कर दिया है. इसके अलावा अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर ने 49% का मुनाफा दिया है वही रवींद्र एनर्जी ने 28% और कॉनकॉर्ड बायोटेक ने 25% तक रिटर्न बना कर दिया है. मिडकैप सेगमेंट में इन शेयर का कमालस्मॉल कैप के अलावा मिडकैप सेगमेंट के भी चुनिंदा शेयर्स ने इस हफ्ते बढ़िया तेजी देखने को मिली है मिड कैप में सबसे अधिक रिटर्न देने वाला शेयर मैक्स हेल्थकेयर था जिसने करीब 17 फीसदी से अधिक का रिटर्न बना कर दिया है इसके अलावा थर्मैक्स शेयर ने 13 फ़ीसदी का रिटर्न वहीं फीनिक्स मिल्स के शेयर ने 11 फीसदी से अधिक का मुनाफा दिया है. सेंसेक्स पैक में तेजीवहीं सेंसेक्स पैक की बात करें तो इसमें सबसे अधिक रिटर्न देने वाला महिंद्रा ऐंड महिंद्रा था जिसने इस हफ्ते में 7.8 फ़ीसदी का रिटर्न बना कर दिया है इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर से आईसीआईसीआई बैंक ने 7.2 फीसदी कर रिटर्न दिया है वहीं एफएमसीजी दिग्गज नेस्ले इंडिया ने इस हफ्ते 6 फीसदी का मुनाफा दिया है. अगले हफ़्ते की रणनीतिशॉर्ट टर्म के नजरिए से बाजार के एनालिस्ट कहते हैं कि इन्वेस्टर को एक्सपोर्ट आधारित सेक्टर जैसे कि फार्मा और IT से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यहां पर डॉलर अवमूल्यन का प्रभाव पड़ सकता है. एक्सपर्ट ने यह कहारेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा कहते हैं कि अगर सेक्टर के नजरिए से बात करें तो हम बैंकिंग, फाइनेंशियल, ऑटो और रियलिटी सेक्टर को तवज्जो दे रहे हैं वहीं दूसरे अन्य सेक्टर में चुनिंदा अप्रोच रखने की सलाह हैं इसके अलावा लॉन्ग पोजीशन के लिए इंडेक्स के हैवीवेट सहित लार्ज कैप और मिड कैप पर अधिक तवज्जो देना चाहिए.(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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