मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में पहले नंबर पर यूपी
Sneha Srivastava September 22, 2024 01:27 AM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोला कि सुशासन के बल पर निवेश का सबसे सुन्दर गंतव्य बना उत्तर प्रदेश, राष्ट्र का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग स्टेट है. हिंदुस्तान में बनने वाले मोबाइल टेलीफोन में 55 फीसद की हिस्सेदारी अकेले उत्तर प्रदेश की है. राष्ट्र में बनने वाला 60 फीसदी मोबाइल कम्पोनेंट भी यूपी में ही बनता है. यह उत्तर प्रदेश में निहित संभावनाओं की ही क्षमता है कि सैमसंग दुनिया का पहला मोबाइल डिस्प्ले यूनिट चीन से हिंदुस्तान और हिंदुस्तान में भी यूपी में ले आया.

सीएम योगी शनिवार को दोपहर बाद दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षा भवन में सैमसंग इनोवेशन कैंपस द्वारा आयोजित प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में गोरखपुर यूनिवर्सिटी और आईटीएम (इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट) के बीटेक के करीब 600 विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए. सीएम ने अपने हाथों से आठ विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए. इस अवसर पर उन्होंने बोला कि 2017 और उसके पहले के यूपी की परिस्थितियों से आहत दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी सैमसंग नोएडा की अपनी यूनिट बंद करना चाहती थी. सीएम बनने के बाद उन्होंने सैमसंग के ऑफिसरों को बुलाकर वार्ता की. उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सभी समस्याओं का निवारण कराया जाएगा. ऐसा किया भी. इसका रिज़ल्ट हुआ कि 2018 में पीएम मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने सैमसंग द्वारा बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल टेलीफोन मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का उद्घाटन किया.

इंस्टिट्यूट से मिले ज्ञान को इंडस्ट्री से जोड़ना आवश्यक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनोवेशन कैम्पस के लिए सैमसंग की सराहना करने के साथ अपेक्षा जताई कि जिन विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है, उन्हें सैमसंग की नोएडा यूनिट का भ्रमण भी कराया जाना चाहिए. उन्होंने बोला कि इससे सैमसंग इनोवेशन कैम्पस से प्रशिक्षण प्राप्त 3500 विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ इंडस्ट्री की चुनौतियों को भी समझने का अवसर मिलेगा. इंस्टिट्यूट से मिले ज्ञान को जब तक इंडस्ट्री से नहीं जोड़ेंगे तब तक पीएम के डिजिटल इण्डिया मिशन को कामयाबी मिलने में मुश्किल होगी. उन्होंने बोला कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिन भी पाठ्यक्रमों को जोड़ा गया है वे सभी न्यू एज कोर्स हैं जो आज ग्लोबल बाजार की जरूरत हैं.

डिमांड के अनुरूप सप्लाई के बाजार की मैपिंग जरूरी

सीएम योगी ने बोला कि डिमांड के अनुरूप सप्लाई के लिए आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है बाजार की मैपिंग करने की. यदि हम समाज की जरूरत के मुताबिक बाजार की मैपिंग नहीं करेंगे तो बेरोजगारों की फौज तैयार कर लेंगे. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हमारे शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान ऐसे कोर्स तैयार करें जो युवाओं को अगले 20-25 सालों तक पैरों पर खड़ा कर सकें. इसके लिए संस्थानों को क्षेत्रीय, राष्ट्र और दुनिया की जरूरत के अनुरूप मैपिंग कराकर कोर्स चलाने होंगे क्योंकि रटी-रटाई बातों को लेकर चलने का रिज़ल्ट यह होगा कि हम पिछड़ जाएंगे.

मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना से साकार होगी आत्मनिर्भर हिंदुस्तान की परिकल्पना

सीएम योगी ने बोला कि सीएम इंटर्नशिप योजना के जरिये गवर्नमेंट आत्मनिर्भर हिंदुस्तान की परिकल्पना को शिक्षण संस्थानों के कैम्पस से ही साकार करने जा रही है. कैम्पस में ही ट्रेनिंग दिलाकर यूथ को नौकरी दिलाने या स्टार्टअप प्रारम्भ करने की गारंटी दी जाएगी. इस योजना में फाइनल ईयर के विद्यार्थी के प्रोजेक्ट वर्क को किसी इंडस्ट्री में इंटर्नशिप से जोड़ा जाएगा. इसमें विद्यार्थी को आधा मानदेय गवर्नमेंट और आधा मानदेय संबंधित इंडस्ट्री द्वारा दिया जाएगा.

सोशल इम्पैक्ट स्टडी करें यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थान, गवर्नमेंट देगी फीस

इस अवसर पर सीएम ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी एवं अन्य शिक्षण संस्थानों का आह्वान किया कि वे सोशल इम्पैक्ट स्टडी (सामाजिक असर अध्ययन) करें क्योंकि कोई भी निवेशक किसी क्षेत्र में यूनिट लगाने या निवेश करने के लिए उस क्षेत्र के सामाजिक प्रभावों को परखता है. गवर्नमेंट स्वयं इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है. उन्होंने बोला कि इस क्षेत्र में बाढ़ के कारण और निवारण को लेकर या फिर यहां के इतिहास पर सोशल इम्पैक्ट स्टडी की जा सकती है. इसके लिए गवर्नमेंट पैसा देगी. इससे यूनिवर्सिटी और संस्थानों को अतिरिक्त आय तो होगी ही, विद्यार्थियों को नया अनुभव मिलेगा. उन्होंने बोला कि लकीर का फकीर बनने की बजाय हमे नवाचार पर ध्यान देना होगा.

विकास और निवेश के बड़े अभियान का हिस्सा बन रहा यूपी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोला उत्तर प्रदेश आज विकास और निवेश के बड़े अभियान का हिस्सा बन रहा है. 2017 में जब उनकी गवर्नमेंट आई तो निवेश के लिए कोशिश प्रारम्भ किए गए. उन्होंने बोला कि सुशासन की पहली शर्त होती है सुरक्षा. 2017 के पहले जब उत्तर प्रदेश में आदमी ही सुरक्षित नहीं था तो उसकी पूंजी कैसे सुरक्षित रहती. इसे देखते हुए गवर्नमेंट ने क्राइम और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई. उन्होंने बोला कि छह माह की कवायद के बाद इसमें लगी टीम ने कहा कि 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो पाएगा. कारण पूछने पर कहा गया कि उत्तर प्रदेश इतना बदनाम था कि यहां कौन निवेश करने आना चाहेगा. लेकिन गवर्नमेंट ने कानून प्रबंध मजबूत करने के साथ भिन्न भिन्न 27 सेक्टर के लिए पॉलिसी बनाई.

सीएम ने आगे बोला कि किसी भी राज्य में इतने तरह की पॉलिसी नहीं है. निवेश मित्र पोर्टल के जरिए 450 तरह की एनओसी के लिए एक प्लेटफार्म मौजूद कराया. निवेश सारथी से एमओयू मॉनिटरिंग की प्रबंध की और उत्पादन के बाद औनलाइन इंसेंटिव देने की प्रबंध की. इसका रिज़ल्ट है कि जिस प्रदेश में कठिन से 20 हजार करोड़ का निवेश हो रहा था, वहां 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले. इन प्रस्तावों का सीधा अर्थ है दो करोड़ युवाओं को रोजगार की गारंटी. उन्होंने बोला कि इस रोजगार की आसार के अनुरूप युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए गवर्नमेंट स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अनुसार दो करोड़ टैबलेट, SmartPhone का वितरण करने का अभियान भी प्रारम्भ कर चुकी है.

सेमी कंडक्टर बनाने तीन प्रस्ताव मिले उत्तर प्रदेश को

इस अवसर पर सीएम ने बोला कि 12 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में हुए सेमीकॉन इण्डिया के सफलतम आयोजन में हिंदुस्तान को सेमी कंडक्टर बनाने के लिए तीन निवेश प्रस्ताव मिले. इनमें से तीन प्रस्ताव उत्तर प्रदेश के लिए हैं. एक-एक निवेश में एक लाख नौकरी मिलेंगे

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