बलिया: उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला है, जहां लोग बड़े शौक से कारावास की रोटी खाने आते हैं। यह एक अनोखा रेस्टोरेंट है जिसे “जेल रेस्टोरेंट” के नाम से जाना जाता है। यहां आने वाले लोग पहले फांसी के फंदे और हथकड़ी का सामना करते हैं, और उसके बाद उन्हें कारावास की रोटी परोसी जाती है। यह अजीबोगरीब अनुभव खासकर युवाओं को काफी आकर्षित कर रहा है। रेस्टोरेंट के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा “सात खून माफ” भी लोगों का ध्यान खींच रहा है।
इस रेस्टोरेंट की स्थापना विशाल वर्मा ने की है। उन्होंने कहा कि बलिया अपनी स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक किरदार के कारण मशहूर है। उसी भावना को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह रेस्टोरेंट प्रारम्भ किया। बलिया के लोग ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के लोग भी इस अनोखे रेस्टोरेंट की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। यहां आने वाले ग्राहकों को कारावास में बंद होने की असली अनुभूति दी जाती है, और यह अनुभव उन्हें खासा रोमांचित करता है।
सात खून माफ का माजरा
रेस्टोरेंट के अंदर दीवार पर बड़े अक्षरों में लिखा “सात खून माफ” एक खास आकर्षण है। विशाल वर्मा बताते हैं कि इस पंक्ति का मतलब यह है कि यदि कोई यहां सात रोटियां खा ले, तो उसे पैसे नहीं देने पड़ेंगे। यह अनोखा प्रस्ताव लोगों को लुभाता है, हालांकि, अधिकतर लोग यहां खाने से अधिक सेल्फी लेने के लिए आते हैं।
जेल जाने का एहसास कराता है यह रेस्टोरेंट
रेस्टोरेंट में आए एक ग्राहक, विशाल, ने कहा कि उन्हें हथकड़ी पहनकर काफी मज़ा आया। उनके भाई भी उनके साथ थे, और उन्होंने कहा कि अब वे कारावास की रोटी खाने जा रहे हैं। आशीष शर्मा, एक अन्य ग्राहक, ने बोला कि यहां न केवल कारावास की रोटी खाई जा रही है, बल्कि कारावास में बंद होने का पूरा अनुभव भी हो रहा है। कई ग्राहक इस अनोखे अनुभव के दीवाने हो गए हैं।
कैसे पहुंचे कारावास रेस्टोरेंट?
यह कारावास रेस्टोरेंट बलिया रेलवे स्टेशन से करीब ढाई किलोमीटर दूर कदम चौराहा से बाईं ओर करीब 1 किलोमीटर अन्दर अमृतपाली में, मेन सड़क के किनारे स्थित है। यहां आकर आप भी इस अनोखे रेस्टोरेंट की विशेषता से रूबरू हो सकते हैं और कारावास की रोटी का आनंद ले सकते हैं।