अगामी त्योहरी सीजन को देखते हुए रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है। रेल मंत्रालय के ऑफिसरों ने कहा है कि त्योहारों के दौरान बिना टिकट यात्रियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टिकट जांच अभियान प्रारम्भ करने का फैसला लिया गया है। रेल मंत्रालय ने 20 सितंबर को 17 जोन के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में बिना टिकट और अनधिकृत यात्रियों के विरुद्ध एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर और 25 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच विशेष अभियान प्रारम्भ करने और 1989 के रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई करने को बोला है।
पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा जाएगा
रेलवे के ऑफिसरों के अनुसार त्योहारों के दौरान भीड़ होती है और उस समय आम लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मी भी उनके निशाने पर होंगे क्योंकि वे लोग भी टिकट नहीं लेते हैं। ऑफिसरों का बोलना है कि गाजियाबाद और कानपुर के बीच हमारे हालिया औचक निरीक्षण में हमने सैकड़ों पुलिसवालों को भिन्न-भिन्न एक्सप्रेस और मेल ट्रेन के एसी डिब्बों में बिना टिकट यात्रा करते हुए पाया है। जब हमने उन पर जुर्माना लगाया, तो प्रारम्भ में उन्होंने भुगतान करने से इनकार कर दिया और हमें गंभीर रिज़ल्ट भुगतने की धमकी दी।
उन्होंने आगे बोला कि हम बिना डरे उनसे जुर्माना वसूला। इस कार्रवाई से यात्रियों में भी खुशी थी क्योंकि वे पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई देखकर दंग थे। उत्तर मध्य रेलवे जोन के टिकट निरीक्षकों ने कहा कि वे पुलिसवालों और अन्य बेटिकट यात्रियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं क्योंकि वे वैध टिकट वाले यात्रियों के लिए कठिनाई पैदा करते हैं।
9 करोड़ से अधिक वसूला गया जुर्माना
हाल के दिनों में बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए पुलिसवालों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर प्रयागराज मंडल के एक रेलवे प्रवक्ता ने बताया, “हम पुलिसवालों के लिए अलग से आंकड़े नहीं रखते हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों में यानी जून, जुलाई और अगस्त में बिना टिकट यात्रा करने पर उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) क्षेत्र के भीतर सिर्फ़ प्रयागराज मंडल में 1,17,633 यात्रियों को बेटिकट यात्रा करते हुए पकड़ा गया पर उनपर 9,14,58,171 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
ट्रेन टिकट जांचने वाले ऑफिसरों का भी मानना है कि पुलिसकर्मी सबसे अधिक परेशानी उत्पन्न करते हैं क्योंकि वे न सिर्फ़ बिना टिकट यात्रा करके कानून तोड़ते हैं, बल्कि वैध यात्रियों को जबरन अपनी सीट शेयर करने के लिए विवश करते हैं और कार्रवाई पर रेलवे कर्मचारियों के साथ झड़प करते हैं।
फर्जी मुद्दे में फंसाने की धमकी
भारतीय रेलवे टिकट जांच कर्मी संगठन (आईआरटीसीएसओ) के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, “बिना टिकट पुलिसवालों के साथ व्यवहार करना एक असली दुःस्वप्न है क्योंकि वे न सिर्फ़ हमारे साथ दुर्व्यवहार करते हैं बल्कि हमें परेशान करने के लिए अक्सर फर्जी मुद्दे दर्ज करने की धमकी देते हैं।”
एक आरटीआई के उत्तर में रेलवे ने कहा है कि वित्तवर्ष 2023-24 में 361.045 लाख यात्रियों को बिना टिकट या अनधिकृत टिकट के यात्रा करते पकड़ा गया और उनसे 2231.74 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।