Viral fever: बदलते मौसम का असर सीधा लोगों की स्वास्थ्य पर पड़ता है। इन दिनों दिल्ली-NCR के 38% लोग खांसी-जुकाम और वायरल फीवर की चपेट में हैं। यहां सीजनल फीवर के मुद्दे लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में हुए एक सर्वे के अनुसार करीब 25 पर्सेंट घरों में कम से कम एक शख्स बीमार है। जबकि 13 फीसदी घरों में दो से तीन लोग बीमार पड़े हैं। डॉक्टरों ने गले में खराश, बुखार, सर्दी या खांसी जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत उपचार कराने की राय दी है।
यह सर्वे लोकल सर्किल्स ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में रहने वाले लोगों पर किया है। इसमें करीब 13,988 लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गईं। जिसमें 63 पर्सेंट पुरुष और 37 पर्सेंट महिलाएं शामिल हुईं। सर्वे के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में 4 में से 1 घर में एक या अधिक आदमी वायरल या कोविड जैसे लक्षणों से पीड़ित हैं। इसके अतिरिक्त मच्छर जनित रोंगों में भी वृद्धि देखने को मिल रही है।
इन दिनों दिल्ली के अस्पतालों में वायरल संक्रमण की वजह से तेज बुखार, बदन दर्द और खांसी जुकाम के रोगियों की संख्या एक चौथाई तक बढ़ गई है। मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों का बोलना है कि ओपीडी में आने वाले 30 से 40 प्रतिशत तक बीमार बुखार और वायरल जैसे लक्षणों के साथ आ रहे हैं। वहीं, आपातकालीन में भी रोगियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। मौसम में परिवर्तन के चलते पिछले कुछ दिन में वायरल, संक्रमण के साथ डेंगू के रोगी बढ़े हैं। ऐसे में लोगों को डरने के बजाय सावधान रहने की आवश्यकता है।
दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में बीते शुक्रवार को 24 घंटे डेंगू के 15 संदिग्ध रोगी हॉस्पिटल आए थे। इनमें से 12 लोग अभी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। हॉस्पिटल में जुलाई से अब तक डेंगू के कुल 95 रोगी रीज भर्ती हो चुके हैं। इस दौरान एक डेंगू रोगी की हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी।
दिल्ली के लोग इन दिनों बलगम वाली खांसी से भी परेशान हैं। रोगियों का वायरल बुखार ठीक होने के चार-पांच दिन बाद भी तेज खांसी और हल्का बुखार रह जाता है। बलगम वाली खांसी ठीक होने में अधिक समय ले रही है। एम्स के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक के मुताबिक, सर्दी या फ्लू जैसे वायरस के बाद भी खांसी बनी रह सकती है। इसे पोस्ट वायरल खांसी कहते हैं।