बदलापुर मुठभेड़ को लेकर एकनाथ शिंदे ने विपक्षी की दोहरी नीति पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री शिंदे ने इण्डिया टुडे के मुंबई कॉन्क्लेव में बदलापुर एनकाउंटर में पुलिस का बचाव करते एकनाथ शिंदे ने बोला कि पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में काम किया. सीएम ने बोला कि जो बच्ची है उसकी उम्र कितनी चार वर्ष है. आरोपी जिसने उसके साथ अत्याचार किया और उसकी चार बीवी है. उनमें से एक ने आकर एफआईआर किया जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे. उसने उसे क्रूर बताया. जिनकी बेटियां हैं उन माता-पिता पर क्या बीत रही है. शिंदे ने बोला कि उसकी हैवानियत देखो की बेटी की उम्र के लड़कियों के साथ ऐसा कर रहा था. अपनी बीवी के साथ भी अत्याचार कर रहा था. ऐसी हालात में उसे न्यायालय ला रहे थे. उसने पुलिस के ऊपर गोली चलाई. यदि पुलिस के ऊपर गोली चलाता है तो पुलिस क्या करेग, छोड़ देगी.
शिंदे ने बोला कि यदि वो भाग जाता तो विपक्ष कहता कि उसे भगा दिया. पुलिस के पास बंदूक क्या शोपीस है. क्यों रखी है, ऐसे भी बोलते. यही लोग बदलापुर स्टेशन में 9 घंटे रेल को रोका था. इसे फांसी दो, हमने फांसी का फंदा रखा है. अब यही विपक्ष प्रश्न उठा रही है. विपक्ष को दोगली नीति नहीं अपनानी चाहिए. दोनों तरफ से बात नहीं करनी चाहिए. शिंदे ने साफ बोला कि ये सेल्फ डिफेंस है. पुलिस घायल है. पुलिस को क्या छोड़ना चाहिए?
गौरतलब है कि बंबई हाई कोर्ट ने बोला कि आरोपी की मृत्यु की जांच निष्पक्ष ढंग से की जानी चाहिए. उच्च न्यायालय ने बोला कि ने बोला कि आरोपी पर गोली चलाने से बचा जा सकता था और पुलिस ने पहले उसे काबू करने की प्रयास क्यों नहीं की. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने बोला कि यदि उसे पता चलता है कि जांच ठीक से नहीं की जा रही है तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बोला कि आरोपी की मृत्यु की जांच निष्पक्ष और निष्पक्ष ढंग से की जानी चाहिए.