दिल की बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
Newstracklive Hindi September 26, 2024 03:42 AM

आज की तेजी से बदलती जीवनशैली और व्यस्त कार्यशैली के कारण युवाओं में दिल से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। जहां पहले हृदय रोगों को मुख्य रूप से बुजुर्गों की समस्या माना जाता था, वहीं अब कम उम्र के लोग भी इन बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। युवाओं में हृदय रोगों का असर सिर्फ उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति और कामकाजी क्षमता पर भी पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आज भी अधिकांश लोगों के पास हृदय रोगों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, और यह एक बड़ी चिंता का विषय है।

हृदय रोगों के मुख्य कारण 1. खराब खानपान और अनुचित आहार विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक जीवनशैली में अनुचित और असंतुलित आहार दिल की समस्याओं का मुख्य कारण बनता जा रहा है। युवाओं का जंक फूड, तला-भुना खाना, अधिक शुगर और सैचुरेटेड फैट वाली चीजों का सेवन बढ़ता जा रहा है। इससे न केवल वजन बढ़ता है बल्कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ता है, जो दिल की नसों में रुकावट पैदा करता है। यह स्थिति आगे चलकर दिल के दौरे (हार्ट अटैक) और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का कारण बन सकती है।

2. नियमित व्यायाम की कमी शारीरिक गतिविधियों की कमी भी युवाओं में दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। आज के युवा अधिकतर समय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के सामने बिताते हैं। यह एक निष्क्रिय जीवनशैली को जन्म देता है, जिससे शरीर में फैट जमा होता है और मोटापा, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), और मधुमेह जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में अतिरिक्त वसा और उच्च कोलेस्ट्रॉल सीधे तौर पर दिल की नसों को प्रभावित करते हैं, जिससे हार्ट फेलियर या अर्टरी में ब्लॉकेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

3. अपर्याप्त नींद और अत्यधिक तनाव विशेषज्ञों के अनुसार, युवाओं में देर रात तक जागने और पर्याप्त नींद न लेने की आदत भी हृदय रोगों का एक महत्वपूर्ण कारण है। पर्याप्त नींद न लेने से शरीर में तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ता है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है और रक्तचाप बढ़ जाता है। यह स्थिति लंबे समय तक रहने पर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है। इसके अलावा, आधुनिक जीवनशैली में अत्यधिक काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां और अन्य सामाजिक मुद्दे भी तनाव का कारण बनते हैं, जो दिल पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

4. धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन भी युवाओं में हृदय रोगों का प्रमुख कारण बन रहा है। धूम्रपान से दिल की धमनियों में ब्लॉकेज हो सकता है और रक्तचाप बढ़ जाता है। वहीं, शराब का अधिक सेवन दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

हृदय रोगों से बचाव के उपाय

1. संतुलित आहार का सेवन हृदय रोगों से बचने के लिए सबसे पहले खानपान में सुधार करना आवश्यक है। जंक फूड, तला-भुना और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों की जगह स्वास्थ्यवर्धक चीजों का सेवन करें। अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, बादाम, अखरोट, एवोकाडो और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। ये पोषक तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और नसों में रुकावट को रोकते हैं।

2. नियमित शारीरिक व्यायाम शारीरिक फिटनेस को बनाए रखने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम जरूरी है। इसमें आप दौड़ना, चलना, योग, साइकिल चलाना, तैराकी या जिम जैसी गतिविधियों को शामिल कर सकते हैं। नियमित व्यायाम से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

3. तनाव प्रबंधन योग और ध्यान जैसे अभ्यास तनाव को कम करने में मदद करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना ध्यान और प्राणायाम करने से मानसिक शांति मिलती है और दिल पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, अपनी नींद की गुणवत्ता पर ध्यान दें और रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे शरीर को आराम मिलता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

4. नियमित स्वास्थ्य जांच दिल की बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराना बेहद जरूरी है। इससे आपको अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल की सही जानकारी मिलती रहती है और किसी भी समस्या के शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचाना जा सकता है।

5. धूम्रपान और शराब से परहेज धूम्रपान और शराब का सेवन दिल के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है। इससे दिल की धमनियों में रुकावट और दिल की मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो इन आदतों से दूरी बनाएं।

युवाओं में हृदय रोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह जरूरी है कि वे अपनी जीवनशैली में सुधार करें। स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव का प्रबंधन करके दिल की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। समय पर डॉक्टर की सलाह और नियमित स्वास्थ्य जांच भी दिल को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकती है।

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