Non Veg Cause Cancer: आजकल नॉनवेज यानी मांसाहारी खाने का सेवन काफी आम हो गया है. बहुत से लोग मांस, मछली, अंडा आदि का रोज़ाना सेवन करते हैं, लेकिन क्या ज्यादा नॉनवेज खाने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, क्योंकि स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का संबंध खानपान से होता है. आइए इसका सच पता लगाने के लिए डॉक्टर रमन नारंग (सीनियर कंसल्टेंट – मेडिकल ऑनकोलॉजी, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल सोनीपत) से बात करते हैं.
डॉक्टर रमन नारंग ने बताया कि कई स्टडीज से यह पता चला है कि ज्यादा मात्रा में प्रोसेस्ड मीट खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. प्रोसेस्ड मीट में हॉट डॉग, सॉसेज, बेकन, और सलामी जैसे मांस आते हैं, जिनमें केमिकल्स का इस्तेमाल कर उन्हें सुरक्षित रखा जाता है. इन मीट्स को लंबे समय तक खाने से कोलोन कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है.
जब मीट को उच्च तापमान पर पकाया जाता है, जैसे कि ग्रिलिंग या बारबेक्यू के दौरान, तो इसमें कुछ हानिकारक केमिकल्स बन सकते हैं. ये केमिकल्स शरीर में जाकर डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है. साथ ही, मीट में मौजूद सैचुरेटेड फैट का अधिक सेवन भी कई प्रकार के कैंसर, जैसे ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ा हुआ है.
नॉनवेज को पूरी तरह बंद करना जरूरी नहीं है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में खाना फायदेमंद हो सकता है. अगर आप मांस खाते हैं, तो कोशिश करें कि प्रोसेस्ड मीट से बचें और ताजे मांस का सेवन करें. साथ ही, मीट को कम तापमान पर पकाएं और उसे ग्रिल या फ्राई करने की बजाय उबालकर या स्टीम करके खाएं. इससे हानिकारक केमिकल्स बनने की संभावना कम हो जाएगी.
सिर्फ नॉनवेज ही नहीं, बल्कि खानपान में संतुलन भी जरूरी है. ताजे फल, सब्जियां, और अनाज का सेवन कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है. स्वस्थ जीवनशैली, जैसे नियमित व्यायाम, धूम्रपान से बचाव और शराब का कम सेवन, भी कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है.