सीएम अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए बोला कि पूर्व सीएम की संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पीड़ितों को इन्साफ दिलाने की नीयत कभी नहीं रही. वो पहले भी इस प्रकरण को लेकर राजनीति कर रहे थे और अब भी वही कर रहे हैं. अब जब मानहानि में स्वयं को फंसता देख रहे हैं तो उन्हें मेरी दिवंगत मां का सम्मान भी याद आ रहा है.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्वपूर्व सीएम के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने बोला कि संजीवनी प्रकरण में उच्च न्यायालय से मुझे मिली क्लीन चिट से अशोक गहलोत व्यथित हो उठे हैं. जब तक वो सत्ता में थे, गवर्नमेंट के संसाधनों का दुरुपयोग कर मुझे फंसाने की कोशिशें करते रहे. मुझे फंसाने के लिए उन्होंने वकीलों पर सरकारी कोष से 40 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, लेकिन जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर उत्तर दिया. शेखावत ने बोला कि बड़े आश्चर्य की बात है कि अब उन्हें मेरी दिवंगत मां के सम्मान की याद आ रही है. जब उन्होंने मेरी दिवंगत मां को लेकर अनर्गल बयानबाजी की थी, तब क्यों उनके मन में ऐसा सम्मान नहीं आया. अब जब न्यायालय में उनके विरुद्ध मानहानि का मुकदमा और मजबूत हो गया है तो उन्हें कानून का डर सता रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने बोला कि अशोक गहलोत को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से एसआईटी गठन कर एसओजी की जांच की याद आ रही है. साफ है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों पर कतई भरोसा नहीं है. शेखावत ने बोला कि हिंदुस्तान के संविधान और इन्साफ प्रबंध पर मुझे पूरा भरोसा है. दुर्भावना के साथ पूर्व सीएम ने अपने विरोधियों के विरुद्ध जो षड्यंत्र रचे, उसकी सजा उन्हें शीघ्र मिलेगी.