अल्मोड़ा के आल्प्स फार्मास्यूटिकल्स दवा कंपनी की फैक्ट्री फिर दोबारा होगी चालू
Suman Singh September 27, 2024 05:27 PM

अल्मोड़ा बड़े-बड़े महानगरों में उद्योग इसलिए स्थापित किए जाते हैं क्योंकि लोगों को रोजगार मिल सके, पर उत्तराखंड के अल्मोड़ा में भी एक ऐसी फैक्ट्री चला करती थी, जहां जीवनरक्षक दवाइयां बनाई जाती थीं 2017 में फैक्ट्री बंद हो गई लेकिन अब फिर से आशा जगी है कि यह दोबारा से प्रारम्भ होगी सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नयी दिल्ली ने इसे अधिग्रहण कर लिया है दोबारा से अब इस आल्प्स फैक्ट्री में दवाइयां बनेंगी

अल्मोड़ा के पातालदेवी में स्थित आल्प्स फार्मास्यूटिकल्स दवा कंपनी की फैक्ट्री की स्थापना 1975 में हुई थी यहां जीवनरक्षक दवाइयां बनाई जाती थीं 400 से अधिक लोग यहां काम करते थे फैक्ट्री में बनने वाली दवाइयां तब के उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सप्लाई होती थीं इतना ही नहीं, सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भी यहां की दवाइयां सप्लाई होती थीं फैक्ट्री में मर्दों के साथ महिलाएं भी काम करती थीं वर्ष 2017 में आल्प्स फैक्ट्री को बंद कर दिया गया फैक्ट्री बंद होने की वजह से यहां पर काम करने वाले लोग आज या तो स्वयं का काम कर रहे हैं या फिर घर बैठे हैं, पर अब एक आशा जगी है कि दोबारा से यह फैक्ट्री प्रारम्भ होगी

600-700 लोगों को मिलेगा रोजगार
सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ गिरीश मैनाली ने लोकल 18 से वार्ता में बोला कि एनसीएलटी के आदेश के बाद से सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने आल्प्स कंपनी का अधिग्रहण कर लिया है 6 महीने बाद इस कंपनी में दोबारा से दवाइयां बननी प्रारम्भ हो जाएंगी फैक्ट्री के प्रारम्भ होने पर 600 से 700 लोगों को रोजगार मिलेगा उत्तराखंड में फिर से यह दवा कंपनी प्रारम्भ होने से लोगों को काफी फायदा मिलेगा

फिर से करना चाहेंगे काम
कंपनी के पूर्व कर्मचारी अशोक कुमार साह ने लोकल 18 से बोला कि फैक्ट्री बंद होने से काफी लोगों का रोजगार छिन गया कई लोग तो मजदूरी करने को विवश हैं, तो कुछ दुकानों पर काम कर रहे हैं परिवार का गुजारा हो सके, इसके लिए उन्होंने स्वयं दुकान खोली है बहुत ही कठिन से लोगों की रोजी-रोटी चल रही है उनका मानना है कि भविष्य में यदि यह फैक्ट्री खुलती है, तो लोगों को फिर से रोजगार मिल पाएगा वह स्वयं फिर से फैक्ट्री में काम करना चाहेंगे पूर्व कर्मचारी हीरा पवार ने बोला कि उन्होंने 8 वर्ष फैक्ट्री में काम किया था यदि फैक्ट्री फिर से खुलती है, तो बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा कंपनी खुलने से लोगों को काम करने और सीखने का मौका मिलेगा

आपसी लड़ाई में छिन गया रोजगार
स्थानीय निवासी त्रिलोचन जोशी ने बोला कि यूपी के समय में 1975 में यह फैक्ट्री स्थापित हुई थी फैक्ट्री ने 400 से भी अधिक लोगों को रोजगार दिया था कई लोग इसमें कुशल थे, तो कई लोग अनस्किल्ड थे, उन्हें भी यहां पर रोजगार मिला और उन्होंने सीखा आपसी लड़ाई की वजह से क्षेत्रीय लोगों का रोजगार छिन गया अल्मोड़ा के लोगों और कंपनी के कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया 7 वर्ष से बंद पड़ी फैक्ट्री दोबारा प्रारम्भ होगी, जिससे यहां के लोगों को फिर से रोजगार मिलेगा यह अच्छी बात है

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