विभाजन के बाद किया गया ओवला मजीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का गठन
Krati Kashyap September 28, 2024 05:27 PM
ठाणे  डेस्क : 2009 के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन में, कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को विभाजित कर दिया गया. ठाणे के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को भी विभाजित किया गया था. इस विभाजन के बाद ओवला मजीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया गया. यह निर्वाचन क्षेत्र न सिर्फ़ ठाणे नगर निगम तक सीमित है, बल्कि इसमें मीरा भयंदर नगर निगम की कुछ समितियाँ भी शामिल हैं. इस सीट से 2009 से शिवसेना के प्रताप सरनाईक जीतते आ रहे हैं इस वर्ष भी आसार है कि उन्हें महागठबंधन से टिकट मिलेगा

इस विधानसभा क्षेत्र को संभ्रांत लोगों का विधानसभा क्षेत्र बोला जाता है क्योंकि, पिछले कुछ सालों में इस खंड में किए गए विकास कार्यों के कारण, ठाणे की सबसे बड़ी बस्तियां और समाज इसी निर्वाचन क्षेत्र में आते हैं. 2009 से विधायक प्रताप सरनाईक ने ओवला मजीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र को अपने नियंत्रण में रखा है. 2014 में शिवसेना, बीजेपी, कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी जैसी सभी पार्टियों ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था इसलिए यहां मुकाबला काफी कांटे का रहा इस मुश्किल लड़ाई में भी प्रताप सरनाईक की जीत हुई प्रताप सरनाईक ने 2014 में भाजपा के संजय पांडे को 10 हजार के अंतर से हराया था 2019 में प्रताप सरनाईक को गठबंधन का उम्मीदवार बनाया गया था उस समय उनके विरुद्ध कांग्रेस पार्टी के विक्रांत भीमसेन थे फिर भी प्रताप सरनाईक ने 84 हजार वोटों के अंतर से यह चुनाव जीता था

इस बार स्थिति अलग है दोनों पार्टियों के बीच फूट के चलते यदि प्रताप सरनाईक को महागठबंधन से मौका मिलता भी है, तो यह देखना होगा कि महाविकास अघाड़ी में यह सीट किस पार्टी को मिलेगी फिलहाल सियासी चर्चाओं के अनुसार यह सीट ठाकरे गुट के खाते में जाने की आसार है इसलिए यहां भी शिवसेना बनाम शिवसेना मुकाबला होने की आसार है

ओवला माजीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में क्या समस्याएं हैं?
ठाणे के लोकमान्य नगर, वर्तक नगर, शास्त्री नगर, शिवाजी नगर में भी मध्यम वर्ग और गरीब लोग रहते हैं. जबकि वाघबील, कासारवडवली, मजीवाड़ा, गायमुख तक का क्षेत्र भी इन्हीं निर्वाचन क्षेत्रों में आता है. दूसरी ओर मीरा-भिंदर नगर निगम के चेन्ना गांव, घोड़बंदर गांव, वर्सोवा, काशीमीरा, गोल्डन नेक्स्ट, नवघर डिवीजन भी ओवला मजीवाड़ा के एक ही निर्वाचन क्षेत्र के भीतर आते हैं. एक तरफ तोलेजांग इमारतें हैं और दूसरी तरफ स्क्वाट चालीस हैं जो सालों से विकास की प्रतीक्षा कर रहे हैं. तो, घोड़बंदर रोड, भिवंडी बाईपास, मुंबई नासिक राजमार्ग भी इस निर्वाचन क्षेत्र से गुजरते हैं. इन सड़कों के दूर होने के कारण हमें यहां काफी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है. जैसे-जैसे यहां की जनसंख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, ट्रैफिक जाम भी एक बड़ी परेशानी बन गई है. तो वहीं दूसरी ओर टोलेजांग इमारतें होने के बावजूद भी कुछ इलाकों में पानी की बड़ी परेशानी है इन सभी मुद्दों पर इस वर्ष वोटिंग होने की आसार है

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