बदहाल सड़कों की कहानी! सड़क पर चलने वाले लोगों के सिर पर मंडरा रही दुर्घटनाएं
Garima Singh September 29, 2024 05:27 PM

Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय की बदहाल सड़कों की कहानी किसी से छुपी हुई नहीं है जिला मुख्यालय की छतिग्रस्त सड़कों की हालात ऐसी हैं की हर समय सड़क पर चलने वाले लोगों के सिर पर दुर्घटनाएं मंडरा रही है जर्जर पड़ी शहर की सड़के कब किसे अपना निवाला बनाले यह कोई नहीं जानता

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय की सड़के पहले ही कोई खास अच्छी हालत में नहीं थी , कि उस पर इस सीजन में हुई बरसात ने ओर कोढ़ में खाज का काम कर दिया जिला मुख्यालय की मुख्य सड़कों के अतिरिक्त कमोबेश सभी कॉलोनीयों की सड़के पूरी तरह से उधड़ चुकी है  सड़कों पर बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढे हो गए हैं

हालात इतने बदतर हैं कि वाहन चलाते समय जरा सा सड़क से यदि आपका ध्यान चूक गया तो आप गंभीर हादसा के शिकार हो सकते हैं जिला मुख्यालय पर आए दिन खराब सड़कों के कारण दुर्घटनाएं घटित हो रही है सर्वाधिक खस्ताहाल आवासन मंडल की सड़कों का है

लगभग दस हजार लोग आवासन मंडल क्षेत्र में निवास करते हैं सैकड़ों की तादाद में वाहन यहां से रोज इन सड़कों से होकर गुजरते हैं पूरी तरह से टूट चुकी सड़कों से गुजरते वाहन चालक आए दिन असंतुलित होकर हादसा का शिकार हो रहे हैं चौपहिया और दोपहिया वाहन ही नहीं बल्कि पैदल चलने वाले लोग भी लगातार चोटिल हो रहे हैं वाहनों के चलते सड़क से पहियों के नीचे आकर उछलने वाली गिट्टी रहागीरों को चोटिल कर रही है

बरसात समाप्त हो जाने के उपरांत जिला प्रशासन ने जर्जर पड़ी सड़कों पर मरम्मत के नाम पर मोरम डालकर मखमल पर टाट का पैबंद लगाने की प्रयास जरूर की है लेकिन यह लोगों के लिए और भी अधिक खतरनाक साबित हो रही है मोरम के नाम पर कई जगहों पर जानलेवा गिट्टी डाल दी गई है, जिससे लोग और अधिक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं  नगर परिषद क्षेत्र में सड़कों की हालत बहुत दयनीय है जिला प्रशासन का बोलना है कि जल्द ही खराब सड़कों की सुध ली जा सकेगी

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर सड़कों की हालत महज चंद दिनों से ही नहीं बल्कि कई वर्षों से लगातार खराब है लोग रोज इन सड़कों से गुजर कर अपनी अग्नि परीक्षा देने को विवश है स्कूली बच्चे भी कई मर्तबा चोटिल होते हुए सरलता से देखे जा सकते हैं आवासन मंडल के वॅाशिंदे खराब सड़कों के मुद्दे में कई मर्तबा अपनी गुहार जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा चुके हैं. लेकिन हालात अभी भी ढाक के तीन पात हैं

 

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.