Bihar Flood: गंडक, महानंदा और कोसी नदी ने मचाई तबाही, 12 जिलों में बाढ़ का कहर; 16 लाख लोगों का जीना हराम
Bihar Flood: नेपाल में जारी भारी बारिश से बिहार में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। राज्य के 12 से अधिक जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। इन जिलों के 20 प्रखंडों के करीब 2 लाख से अधिक आबादी बाढ़ की तबाही से परेशान है। अभी ये हालात और भी बिगड़ सकते हैं। कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं। भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक असर पड़ा है। सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी का तटबंध टूटने की कगार पर है। उधर, पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया। इससे वहां के वन्यजीवों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
इन नदियों का बढ़ा जलस्तर
राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने बताया कि बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों तथा शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव की सूचना मिली जिन्हें तत्काल दुरूस्त किया गया। बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया। कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर अधिक है। ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72.70 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है। महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है। कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध एवं संरचनाएं सुरक्षित है।
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कोसी नदी पर 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया
डब्ल्यूआरडी के मुताबिक रविवार को छोटी नदियों में जलस्तर में कमी आई है लेकिन कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। कोसी नदी पर बने वीरपुर बैराज से सुबह पांच बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सबसे अधिक है।
राज्य जल संसाधन विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, पिछली बार इस बैराज से सबसे ज्यादा पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था। इसी तरह गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से शनिवार रात 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद सबसे ज्यादा पानी है। एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है।