हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर राज्य के 1.36 लाख करोड़ के बकाये का उठाया मुद्दा
Suman Singh October 01, 2024 07:27 PM

रांची, 1 अक्टूबर ). झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी के 2 अक्टूबर को प्रस्तावित झारखंड दौरे के ठीक पहले केंद्र पर राज्य के 1.36 लाख करोड़ के बकाये का मामला उठाया. सोरेन ने बोला है कि यह पैसा केंद्रीय कोल कंपनियों के पास है. यह राशि नहीं मिलने से झारखंड के विकास में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ये अधिकार समस्त झारखंडियों का है. यह हमारी मेहनत, हमारी जमीन का पैसा है. इसे मांगने के कारण ही मुझे बिना किसी कारण कारावास में डाला गया. कल जब पीएम झारखंड में होंगे, तो मुझे पूर्ण आशा है कि वे हमारा अधिकार हमें लौटायेंगे.

हेमंत सोरेन की ओर से इस मामले पर मंगलवार को विभिन्न मीडिया माध्यमों में माननीय पीएम जी को खुला पत्र शीर्षक से विज्ञापन भी जारी किया गया. मुख्यमंत्री ने कोयला कंपनियों पर बकाया राशि की दावेदारी का ब्रेकअप भी दिया है.

उन्होंने लिखा है कि वाश्ड कोल की रॉयल्टी के मद में 2,900 करोड़, पर्यावरण स्वीकृति की सीमा के उल्लंघन के एवज में 32 हजार करोड़, भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में 41,142 करोड़ और इस पर सूद की धनराशि के तौर पर 60 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं.

मुख्यमंत्री ने हाल में खनन एवं रॉयल्टी के मामले पर उच्चतम न्यायालय के नौ जजों की फुल बेंच की ओर से सुनाए गए निर्णय का हवाला देते हुए बोला है कि सर्वोच्च कोर्ट ने राज्य के पक्ष में निर्णय दिया है. कोर्ट ने साफ किया है कि खनन और रॉयल्टी शुल्क वसूलने का अधिकार राज्य को है.

उन्होंने बोला है कि इस बकाया का भुगतान नहीं होने से झारखंड राज्य को अपूरणीय क्षति हो रही है. शिक्षा, स्वास्थ्य, स्त्री एवं बाल विकास, स्वच्छ पेयजल और आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी जैसी विभिन्न सामाजिक योजनाएं फंड की कमी के कारण जमीन पर उतारने में परेशानी आ रही है. उन्होंने पीएम से अपील की है कि वह इस मुद्दे में हस्तक्षेप करें और कोयला कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दें.

 

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