नवरात्रि समापन के बाद ज्वारों का क्या करना चाहिए, जानिए…
Richa Srivastava October 03, 2024 09:27 PM

Navratri ke baad jaware kya karna chahiye: हिंदू धर्म में नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के समय जवारे या जौ बोने का विधान है. नौ दिनों तक उन्हें सींचा जाता है ताकि जवारे अच्छी तरह से उगें. नवरात्रि में हरे-भरे जवारे सुख-समृद्धि का प्रतीक माने गए हैं. जवारों को आने वाली अच्छी फसल से भी जोड़कर देखा जाता है. नवरात्रि के बाद कई लोग जवारों को पवित्र नदी में प्रवाहित कर देते हैं या फिर इधर-उधर रख देते हैं. यदि आप भी नवरात्रि में जवारे बोते हैं और मन में प्रश्न है कि नवरात्रि समाप्ति के बाद ज्वारों का क्या करना चाहिए, तो जानिए-

नवरात्रि पूजन के समाप्ति के बाद ही जवारे को मिट्टी के बर्तन से बाहर निकालना चाहिए और इसमें से कुछ जवारे पूजा स्थल पर रखने चाहिए. इसके बाद कुछ जवारे धन के जगह पर रखने चाहिए जैसे घर की तिजोरी या उस अलमारी में जहां पैसे आदि रखते हैं. इसके अतिरिक्त एक या दो जवारे अपनी पर्स में भी रखने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली और आर्थिक संपन्नता का आगमन होता है. इसके बाद बाकी बचे जवारे पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित करने चाहिए.

संसार का पहला अनाज माना गया है जौ- हिंदू धर्म ग्रंथों में जौ को ब्रह्मस्वरूप माना गया है. सृष्टि के प्रारंभ में स्वयं ब्रह्मा जी ने जौ की उत्पत्ति की. इसे संसार का पहला अनाज माना गया है. नवरात्रि में भक्त मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने जौ बो कर आने वाले अच्छी फसल की कामना करते हैं.

दक्षिण दिशा में नहीं रखें जवारे- जवारे बोते समय इस बात का ध्यान रखें कि इन्हें दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी गई है. इस दिशा में न ही माता का कलश रखना चाहिए और न ही जवारे या जौ बोने चाहिए. ध्यान रहे कि नौ दिन में जहां जवारे बोए हैं उन्हें वहीं स्थापित रहने दें, उन्हें हिलाएं या बाहर न निकालें.

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