उत्तर प्रदेश का जन सामान्य योगी सरकार की बुलडोज़र नीति से है प्रसन्न
Suman Singh October 03, 2024 11:27 PM
लोकसभा चुनावों में पार्टी के सांसदों की संख्या बढ़कर 37 हो जाने से सपा विशेष उत्साह में है और जहाँ जहाँ भी उसके सांसद जीते हैं वहाँ वहाँ पार्टी के कार्यकर्ता न सिर्फ़ तानाशाही का वातावरण बनाने का पूरा कोशिश कर रहे हैं वरन जातिवादी जहर घोलने का कोशिश भी कर रहे हैं. दूसरी तरफ प्रदेश की योगी गवर्नमेंट लगातार क्राइम और क्राइम जगत पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही है जिसमें कुख्यात माफियाओं और अपराधियो के मुठभेड़ हो रहे हैं तथा बुलडोज़र भी चलाये जा रहे हैं, कई स्थान क्रिमिनल स्वयं ही आत्समर्पण भी कर रहे हैं या फिर अपना काम धंधा बदल रहे हैं.
प्रदेश का जन सामान्य योगी गवर्नमेंट की बुलडोज़र नीति से प्रसन्न है जबकि विपक्ष लगातार यही इल्जाम लगा रहा था कि बुलडोज़र से लोगों को डराया जा रहा है या अल्पसंख्यको को सताया जा रहा है आदि-आदि. जब उच्चतम न्यायालय ने बुलडोजर पर अंतरिम रोक लगाई तो पूरा विपक्ष खुशियाँ मनाने लगा जबकि उच्चतम न्यायालय ने गैरकानूनी निर्माण को अपने आदेश से अलग रखा था. योगी राज्य में बुलडोज़र सिर्फ़ कब्ज़ा पर ही चलता है अतः प्रशासन को अपना काम करने में कोई परेशानी नहीं आई.

आश्चर्यजनक रूप से समाजवादी नेता अपनी जातिवाद की राजनीति को और पैना करने के लिए अपराधियों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं. वहीं विगत दिनों हुई कुछ आपराधिक घटनाओं में शामिल लोग सपा से सम्बंधित रहे हैं संभवतः यही कारण है कि समाजवादी नेता अखिलेश यादव सहित अन्य सभी जातिवादी नेता जातिवाद के जहर को और तीखा कर रहे हैं. अयोध्या से लेकर कनौज तक बलात्कार की जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं उसमें समाजवादी पार्टी कनेक्शन मिला, प्रयागराज में गैरकानूनी मदरसे में चल रहा जाली नोट का व्यापार और फिर कौशाम्बी में जाली नोट खपाने वाले समाजवादी पार्टी के दो नेता अपने दस सहयोगियों के साथ पकड़े गए स्वाभाविक रूप से आपराधिक घटनाओं में लिप्त पार्टी को बैकफुट पर जाने से बचाने के लिए ही क्राइम की वीभत्सता तथा गम्बिरता की स्थान क्रिमिनल की जाति बीच में लाई जा रही है.
अगस्त माह के अंत में सुल्तानपुर में डकैती डालने आये रैकेट के सदस्यों का मुठभेड़ हुआ जिसमें से एक मंगेश यादव के नाम पर समाजवादी नेता यादव समाज की सहानुभूति बटोरने के लिए उसके घर पहुंच गये और उसका महिमा मंडन करते हुए बोला कि यह मुठभेड़ नहीं एक मर्डर है और अब समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को आनें वाले विधानसभा सत्र में भी बल शोर से उठाने जा रही है. समाजवादी नेता आजकल जातिगत आधार पर ही क्राइम और अपराधियों का संरक्षण और महिमामंडन कर रहे हैं.
प्रदेश की राजनीति में आज सभी दल क्रिमिनल की जाति देखकर उस पर होने वाली कार्यवाही का तीखा विरोध कर रहे हैं जबकि प्रदेश में 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी गवर्नमेंट के शासन काल में पुलिस मुठभेड़ में 34 क्रिमिनल मारे गये थे तथापि उनके शासनकाल में क्राइम और अपराधियों का जोरदार बोलबाला था. एक समय था कि कोई सपने में भी नहीं सोच पाता था कि प्रदेश को कभी अतीक जैसे माफियाओं से मुक्ति मिलेगी या फिर बड़े सफेदपोश लोग कारावास जाएंगे.
पिछली सरकारों के कई मुठभेड़ में तो मजिस्ट्रेट जांच तक नहीं ती थी. जबकि योगी गवर्नमेंट में सभी मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट जांच हो रही है यहां तक कि कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की कारावास में हुई स्वाभाविक मृत्यु की भी जांच हुई.
योगीराज में प्रदेश की कानून प्रबंध को बेहतर बनाने लिए साढ़े सात वर्षो में 49 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है. विभिन्न आपराधिक मामलों में संलिप्त 872 नशा और हथियार स्मग्लिंग क्रिमिनल और 379 साइबर अपराधियां को अरैस्ट किया है. साथ ही 3,970 संगठित अपराधियों को अरैस्ट किया है. प्रदेश गवर्नमेंट गैरकानूनी नशे के विरुद्ध भी व्यापक अभियान चला रही हे जिसमें अभियुक्तों से सर्वाधिक गांजा बरामद हुआ है और अन्य नशीले पदार्थ भी बरामद हो रहे हैं .
समाजवादी नेता अखिलेश यादव ने एसटीएफ को भी नहीं छोड़ा ओर उसमें शामिल ऑफिसरों की जाति को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर उकेर दिया ओर कहा कि कौन सा अधिकारी किस जाति का है. जब जातिवाद की राजनीति बहुत उग्र होने लग गई तब आंकड़ों को देखने से साफ हुआ कि विगत 7 वर्ष में 207अपराधी एनकाउटर में मारे गये जिसमें- 67 मुसिलम, 20 ब्राहमण, 18 ठाकुर, 17 जाट और गुर्जर 16 यादव, 14 दलित, तीन ट्राइबल, दो सिक्ख, 8 ओबीसी और 42 दूसरी जातियों के थे.
जिस प्रकार से अपराधियों के पक्ष में जाति की राजनीति हो रही है वह सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है. यह बोलना पूरी तरह से गलत है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस जाति देखकर मुठभेड़ कर रही हैं या फिर अपराधियों को पकड़ रही है. प्रदेश गवर्नमेंट अपराधियों का जाति और मजहब नहीं देखती. आज प्रदेश की कानून प्रबंध की प्रशंसा हर कोई कर रहा है बड़े बड़े उद्योगपति और निवेशक प्रदेश आ रहे हैं और यही बात विपक्षी नेताओं को रास नहीं आ रही है .
© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.