पिछले कुछ दिनों से परिजन हाथरस में ही बालिका का इलाज करा रहे थे. गुरुवार को वह बालिका को लेकर अलीगढ़ पहुंचे. यहां किसी निजी हॉस्पिटल में इलाज कराया, वहां हालात बिगड़ने पर डॉक्टर ने उसे जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया. दोपहर को लगभग 2 बजे परिजन बालिका को लेकर जिला हॉस्पिटल के आपातकालीन वार्ड में पहुंचे.
हालत नाजुक देख डॉक्टर ने इलाज प्रारम्भ किया और इसकी सूचना हॉस्पिटल में गठित टीम को दी. जानकारी मिलते ही डाक्टर नीरज गुप्ता, डाक्टर विनोद कुमार और चिकित्सक वैभव जैन मौके पर पहुंच गए. डॉक्टरों की टीम ने इलाज प्रारम्भ किया, लेकिन इलाज के दौरान ही बालिका ने दम तोड़ दिया. हंगामा की सूचना पर सीएमएस चिकित्सक जगबीर सिंह और पुलिस आपातकालीन में पहुंच गए.
मेडिकल नहीं कर रहा डिप्थीरिया का उपचार
जिला हॉस्पिटल के सीएमएस चिकित्सक जगबीर सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के द्वारा डिप्थीरिया के रोगियों का इलाज नहीं किया जा रहा है. वहां पहुंचने वाले डिप्थीरिया के रोगियों को जिला हॉस्पिटल भेजा जा रहा है. जबकि वहां जिला हॉस्पिटल से बेहतर और अच्छी सुविधा मौजूद है. फिर भी जिला हॉस्पिटल में डॉक्टरों की तीन सदस्य टीम गठित कर डिप्थीरिया के रोगियों का इलाज किया जा रहा है.
सीएमएसजिलाअस्पताल के डाक्टर जगदीश सिंह वर्मा ने बोला कि हाथरस के एक बालिका की जिला हॉस्पिटल के आपातकालीन वार्ड में डिप्थीरिया से मृत्यु हो गई थी. परिजनों ने हंगामा किया था, जिन्हें समझा बुझाकर शांत कर दिया गया था. हॉस्पिटल के डॉक्टर के द्वारा कोई ढिलाई नहीं बरती गई. बालिका गंभीर हालत में आपातकालीन आई थी.
डिप्थीरिया के रोगियों की संख्या बढ़ी
सीएमएस चिकित्सक जगबीर सिंह ने कहा कि जिला हॉस्पिटल के आपातकालीन में आए दिन डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चे आ रहे हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है. यह बच्चे अलीगढ़ के अतिरिक्त कासगंज, हाथरस, बदायूं और बुलंदशहर जिले से आ रहे हैं.
कासगंज में हुई थी तीन बच्चों की मौत
पिछले महीने डिप्थीरिया से कासगंज में तीन बच्चों की मृत्यु हुई थी. जबकि दो बच्चे रोग से पीड़ित है. जिनका इलाज कर रोग को ठीक कर दिया गया था. इसको लेकर एडी हेल्थ ने गांव का निरीक्षण भी किया था और ग्रामीणों को डिप्थीरिया का टीका बच्चों को लगवाने के लिए सतर्क किया था.