Kanya Pujan 2024: कितने से कितने वर्ष की कन्याओं का करें पूजन, जानें हर उम्र की कन्या का महत्व
Times Now Navbharat October 10, 2024 12:42 AM

Kanya Puja 2024: नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन के समय में कन्याओं की पूजा की जाती है और उनको प्रेम पूर्वक भोजन कराया जाता है। इसके साथ ही उन्हें अपनी क्षमतानुसार उपहार दे सकते हैं। इस साल कन्या पूजन 11 अक्तूबर 2024 को कराया जाएगा। नवरात्रि का व्रत बिना कन्या पूजन के अधूरा माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में कन्याओं को भोजन कराने से माता रानी का आशीर्वाद साधक को प्राप्त होता है। कन्या पूजन के समय में हर वर्ष कि कन्याओं को पूजने का अलग महत्व होता है। ऐसे में आइए जानें कि कितने वर्ष की कन्याओं का पूजन करना चाहिए।



कन्या पूजन में कितने वर्ष की उम्र की कन्याओं की करें पूजा

1 दो वर्ष की कन्या का पूजन
कुमारी कन्या के रूप में पूजा की जाती है। ऐसी कन्याओं के पूजन से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। धन दान के अलावा लाल या नारंगी रंग की चुनरी दान की जाती है।


2 तीन वर्ष की कन्या का पूजन
इन कन्याओं का पूजन त्रिमूर्ति के रूप में किया जाता है। इन देवियों को सफेद रंग के वस्त्र और पीले रंग के वस्त्र दान किये जाते हैं। इन कन्याओं का पूजन करने से रोग का नाश होता है तथा जीवन में सभी प्रकार के कष्टों का शमन होता है।


3 चार वर्ष की कन्या का पूजन
इनका पूजन कल्याणी के रूप में किया जाता है। इन कन्याओं के पूजन से कल्याण होता है। छात्र शिक्षा तथा प्रतियोगिता में सफलता की प्राप्ति करते हैं। धन की प्राप्ति होती है। राजनीतिज्ञों को सत्ता की प्राप्ति होती है। इन कन्याओं को लाल रंग की चुनरी दान करना चाहिए।



4 पांच वर्ष की कन्या का पूजन
इन कन्याओं का पूजन रोहिणी के रूप में की जाती है। श्वेत रंग के वस्त्र दान किया जाता है। स्वास्थ्य सुख में वृद्धि के लिए यह पूजन बहुत लाभ करता है।


5 छः वर्ष की कन्या का पूजन
ऐसी कन्याओं का पूजन माता कालिका के रूप में की जाती है। काला और नीला वस्त्र दान करते हैं। नारंगी वस्त्र भी दान करते हैं। शत्रु विनाश के लिए यह बहुत प्रभावशाली पूजा है।


6सात वर्ष की कन्या का पूजन
माता चंडिका के रूप में पूजन किया जाता है। धन की प्राप्ति होती है।पीले और सफेद रंग के वस्त्र दान करें।


7आठ वर्ष की कन्या का पूजन
शाम्भवी माता के रूप में पूजन की जाती है।धन,यश तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति के लिए यह पूजन बहुत आवश्यक है। ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति के लिए यह पूजन बहुत फलदायी होती है। नारंगी रंग की चुनरी दान की जाती है।


8 नव वर्ष की कन्या का पूजन
माता दुर्गा के रूप में पूजन की जाती है। लाल रंग की चुनरी दान की जाती है।माता के इस रूप की पूजा से सर्व कामना की प्राप्ति होती है।


9 दस वर्ष की कन्या का पूजन
माता सुभद्रा के रूप में पूजन किया जाता है। ऐसी कन्याओं के पूजन से शुभ फल की प्राप्ति होती है। लाल रंग की चुनरी दान की जाती है।


इस प्रकार माता की पूजा में कन्या पूजन का बहुत महत्व है। कन्या पूजन से माता प्रसन्न होती हैं। समस्त लोगों को कन्या और स्त्री शक्ति का सम्मान करना ही नवरात्रि पूजन का असली महात्म्य है।

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.